गढ़ी कैंट छावनी बोर्ड को सरकारी भवनों से नहीं मिल रहा बकाया कर, वेतन-भत्तों में हो रही दिक्कत।

0
16

देहरादून –  गढ़ी कैंट छावनी बोर्ड को कई सरकारी भवनों से बकाया कर नहीं मिल रहा है, जिनमें राजभवन से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक शामिल हैं। बोर्ड ने कई बार संबंधित विभागों से पत्राचार भी किया, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। इस स्थिति के कारण छावनी बोर्ड को अपने स्टाफ और पेंशनर्स को वेतन और भत्ते देने में परेशानी हो रही है।

बजट के अभाव में विकास कार्यों पर भी असर पड़ रहा है। गढ़ी कैंट छावनी क्षेत्र में मुख्यमंत्री आवास, राजभवन, बीजापुर गेस्ट हाउस, एफआरआई, व्हाइट हाउस सहित कई प्रमुख सरकारी भवन हैं, जिनसे छावनी परिषद को सालाना लाखों रुपये का कर प्राप्त होता है। हालांकि, इनमें से कुछ भवनों ने समय-समय पर कर अदा किया, लेकिन मुख्यमंत्री आवास का कर 2009 से लंबित है।

मुख्यमंत्री आवास पर 85 लाख रुपये से ज्यादा का बकाया है। राजभवन पर 23 लाख रुपये का कर था, जिसमें से 13 लाख रुपये जमा हो चुके हैं, लेकिन करीब 10 लाख रुपये अभी भी बकाया हैं। बीजापुर गेस्ट हाउस पर 20 लाख रुपये से ज्यादा का बकाया है। यह गेस्ट हाउस जब से बना, तब से केवल एक बार पांच लाख रुपये का कर अदा किया गया था।

एफआरआई (फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट) पर कई करोड़ रुपये का बकाया है। छावनी बोर्ड के पत्राचार के बाद एफआरआई को तीन हिस्सों में विभाजित कर दिया गया। एफआरआई का आधा हिस्सा उनके पास है, जबकि शेष हिस्सा अन्य संस्थानों जैसे सेंटर एकेडमी स्टेट फॉरेस्ट और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी को सौंपा गया है। इसके बाद, एफआरआई को 2.63 करोड़ रुपये और बाकी संस्थानों को दो करोड़ रुपये का बिल भेजा गया है।

इसके अलावा, प्रेमनगर में स्थित संयुक्त चिकित्सालय पर छावनी बोर्ड का करीब 58 लाख रुपये बकाया है। स्वास्थ्य विभाग के अधीन इस अस्पताल से भी अब तक बकाया कर जमा नहीं किया गया। गढ़ी कैंट क्षेत्र के सिंचाई विभाग की पानी की चक्की पर भी करीब दो लाख रुपये का कर बकाया है।

गढ़ी कैंट छावनी बोर्ड के सीईओ, हरेंद्र सिंह ने बताया कि बोर्ड का करोड़ों रुपये का बकाया सरकारी कार्यालयों पर है। समय-समय पर संबंधित विभागों के साथ पत्राचार किया गया, लेकिन अब तक कई विभागों ने भुगतान नहीं किया है।

#GadhiCant #RajBhavan #ChiefMinisterResidence #PendingTax #DevelopmentWorks #IrrigationDepartment #CantBoard #FRI #HealthDepartment #Dehradun #BudgetCrisis

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here