विज़न 2020 न्यूज: गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग की चौड़ाई बढ़ाने की कवायद जैसे-जैसे तेज हो रही है, वैसे-वैसे यहां के आधा दर्जन गावों की नींद उड़ती जा रही है। दरअसल छह से आठ मीटर चौड़े हाईवे को 18 मीटर करने के लिए देवदार और कैल के 6500 से ज्यादा वृक्ष काटे जाने हैं, इसके न केवल पर्यावरणविद चिंतित हैं, बल्कि आधा दर्जन गांवों की नींद भी उड़ी हुई है। इन गावों के लोगों का कहना है कि अगर इतनी बड़ी मात्रा में पेड़ काटे गए तो भविष्य में भूस्खलन से कई गांवों का वजूद खतरे में पड़ जाएगा। बताया जा रहा है कि गंगोत्री के निकट भैरव घाटी में सड़क काफी संकरी है। भारत-चीन सीमा पर स्थित इस भाग का काफी सामरिक महत्व है। साथ ही कपाट खुलने पर लाखों तीर्थयात्री भी गंगोत्री आते हैं। इसी के मद्देनजर केंद्र सरकार चारधाम यात्रा मार्ग चौड़ीकरण योजना के तहत हाईवे की चौड़ाई बढ़ा रही है। जिसके कारण चौड़ीकरण के लिए इन वृक्षों की कुर्बानी दी जा रही। हालांकि, अभी पर्यावरण मंत्रालय ने इसे हरी झंडी नहीं दी है लेकिन एक साल पहले भूतल परिवहन मंत्रालय और उत्तराखंड शासन के बीच बैठक हई थी। बैठक के बाद उत्तरकाशी वन प्रभाग से भैरव घाटी में सड़क चौड़ीकरण की जद में आने वाले वृक्षों का सर्वेक्षण कार्य शुरू किया गया।