पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत नहीं डाल पाए वोट, मतदाता सूची में नाम न होने पर जताई चिंता…

देहरादून – उत्तराखंड निकाय चुनाव 2025 के लिए 23 जनवरी से मतदान शुरू हो चुका है और बड़ी संख्या में लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए मतदान केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। हालांकि, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जैसे कई वीआईपी नेता ऐसे हैं जो अपना वोट नहीं डाल पाए। हरीश रावत को अपने पसंदीदा प्रत्याशी को वोट देने का मौका नहीं मिला क्योंकि उनका नाम मतदाता सूची में था ही नहीं।

हरीश रावत ने कहा कि वह मतदान के लिए उत्सुक थे, लेकिन जब पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनकी मतदाता सूची में नाम खोजने की कोशिश की तो वह नहीं मिला। उनके बाद राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से भी बात की गई, लेकिन उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि आयोग की वेबसाइट धीमी चल रही है और वे स्थिति की जांच करेंगे।

हरीश रावत ने इस मुद्दे को लेकर प्रदेशवासियों को एक संदेश दिया। उन्होंने कहा कि मतदाताओं को अपनी मतदाता सूची में नाम की सुरक्षा खुद सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने अपील की कि लोग उनकी तरह गलती न करें और अपनी मतदाता सूची में नाम की निगरानी खुद करें।

हरीश रावत का वोट देहरादून नगर निगम के वार्ड नंबर 76 में था, लेकिन उनका नाम मतदाता सूची में गायब था। इस घटना से पूर्व मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं लोकतंत्र के लिए स्वस्थ नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग को निष्पक्ष होना चाहिए और उन्हें इस मामले में राज्य के अधिकारियों पर कोई टिप्पणी नहीं करनी है।

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