श्रीनगर: अगर मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास साथ हों, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं होती” — इस कहावत को हकीकत में बदलकर दिखाया है श्रीनगर के होनहार युवा वैभव जैन ने। देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में गिनी जाने वाली NEET-PG 2024 में वैभव ने 3426वीं ऑल इंडिया रैंक हासिल कर न सिर्फ अपने परिवार का, बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन कर दिया है।
इस उपलब्धि को खास बनाता है यह तथ्य कि वैभव ने कोई भी कोचिंग नहीं ली, और सिर्फ स्व-अध्ययन के दम पर यह मुकाम हासिल किया। आज जब अधिकांश छात्र बड़ी-बड़ी कोचिंग संस्थानों की शरण लेते हैं, ऐसे में वैभव की यह सफलता एक प्रेरणादायक उदाहरण बनकर उभरी है।
खुद से की तैयारी, बना ली पहचान
वैभव ने वर्ष 2024 में SBKS मेडिकल कॉलेज, बड़ौदा से MBBS की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के प्रति उनकी गंभीरता पहले दिन से ही साफ़ थी। वे विषयों को सिर्फ रटना नहीं, गहराई से समझना पसंद करते थे। परीक्षा की तैयारी के दौरान उन्होंने किताबों और ऑनलाइन संसाधनों के माध्यम से खुद को गाइड किया।
वैभव का पारिवारिक समर्थन बना ताकत
वैभव श्रीनगर के प्रतिष्ठित व्यवसायी पंकज जैन और ममता जैन के पुत्र हैं। एक साधारण लेकिन संस्कारित परिवार में पले-बढ़े वैभव ने अपनी मेहनत और समर्पण से यह दिखा दिया कि लगन ही सबसे बड़ा सहारा होती है। NEET-PG 2024 का परिणाम आते ही पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। रिश्तेदार, मित्र और जानने वाले बधाई देने घर पहुंचने लगे, और माहौल किसी उत्सव से कम नहीं रहा।
खुद पर विश्वास सबसे बड़ा मंत्र है….वैभव
अपनी सफलता का श्रेय वैभव सबसे पहले अपने माता-पिता और शिक्षकों को देते हैं। उनका कहना है, कोचिंग न लेने का निर्णय कठिन था, लेकिन मैंने खुद पर भरोसा रखा। अनुशासन, समय प्रबंधन और मानसिक संतुलन मेरी सबसे बड़ी पूंजी रहे।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर छात्र खुद को पूरी तरह लक्ष्य के प्रति समर्पित कर दें, तो कोई भी बाधा उन्हें रोक नहीं सकती।
प्रेरणा बना श्रीनगर का बेटा
वैभव की यह उपलब्धि श्रीनगर और आस-पास के युवाओं के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि सीमित संसाधनों के बावजूद, अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी परीक्षा बड़ी नहीं होती।
आज वैभव न सिर्फ एक NEET-PG रैंक होल्डर हैं, बल्कि एक प्रेरणा हैं उन हजारों छात्रों के लिए जो मुश्किल हालातों में भी आगे बढ़ना चाहते हैं।