साइबर ठगों की जद में पूरा उत्तराखंड, औसतन रोजाना एक मामला आईटी एक्ट के तहत हो रहा दर्ज।

देहरादून – राजधानी देहरादून के साथ ही पूरा उत्तराखंड वर्तमान में साइबर ठगों के जाल में हैं। राज्य में शायद ही कोई दिन बीतता होगा जब साइबर ठगी के चार-पांच मामले न आते हों। इस साल औसतन रोजाना एक मामला आईटी एक्ट के तहत दर्ज हुआ है।

पहले शहरी क्षेत्रों में ही साइबर ठगी के मामले सामने आते थे, लेकिन अब पहाड़ों में भी साइबर ठगों ने अपना जाल बिछा दिया है। प्रदेशभर में इस साल अभी तक 437 मामले दर्ज हो चुके हैं। जबकि, वर्ष 2022 में 559 साइबर ठगी के मामले दर्ज हुए थे। यह ऐसे आंकड़े हैं जो आईटी एक्ट में दर्ज हुए हैं।

शिकायतों की संख्या हजारों में
साइबर ठगी की शिकायतों की संख्या तो हजारों में है। केवल देहरादून में ही 1500 से अधिक शिकायत साइबर ठगी के सामने आ चुके हैं। जिनमें से 1142 शिकायतों का निस्तारण भी हो चुका है जबकि 405 मामले लंबित हैं।

राज्य में साइबर अपराध (एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार)
वर्ष        मामले

2020      243
2021     718
2022     559
2023     437

नए-नए तरीके अपना रहे साइबर ठगI
ठग हर रोज नए तरीके से लोगों को ठगी का शिकार बनाकर उनके खून-पसीने की कमाई लूट रहे हैं। शुरुआत में डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड के नाम पर सबसे ज्यादा ठगी होती थी, लेकिन अब साइबर ठग ऑनलाइन जॉब, वर्क फ्रॉम होम, इंश्योरेंस, पॉलिसी रिन्यू करने, टेलीग्राम एप पर टास्क देकर निवेश और शेयर मार्केट के नाम पर पर ज्यादा ठगी कर रहे हैं। इसके अलावा सीबीआई अधिकारी या रिश्तेदार बनकर ठगी के मामले भी सामने आ रहे हैं।

एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान में ऑनलाइन जॉब या वर्क फ्रॉम होम के नाम पर ज्यादा ठगी के मामले सामने आ रहे हैं। जनता से अपील है कि वह ऑनलाइन जॉब के लिए किसी भी वेबसाइट या लिंक आदि का प्रयोग न करें। ऑनलाइन जॉब के लिए आवेदन करने से पूर्व कंपनी की साइट का पूरी तरह से वेरिफिकेशन करें। इसके साथ ही किसी भी लुभावने, अवसरों, धनराशि दोगुना करने व कम पैसे में टिकट बुक करने का प्रलोभन करने वालों के झांसे में न आएं।

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