देहरादून – समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने के बाद, उत्तराखंड सरकार ने लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण की नई प्रक्रिया को अनिवार्य बना दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बीते दिन कैबिनेट ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया। अब लिव इन में रहने वाले लोगों को एक माह के भीतर पंजीकरण कराना होगा।
इसके तहत, विवाह और विवाह विच्छेद का पंजीकरण भी अब घर बैठे किया जा सकेगा। राज्य सरकार ने एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया है, जिससे लोग आवेदन कर सकते हैं। साथ ही, जहां इंटरनेट की सुविधा नहीं है, वहां CHC (केंद्रीय स्वास्थ्य केंद्र) के एजेंट घर-घर जाकर इस प्रक्रिया को पूरा करेंगे।
पंजीकरण के लिए आधार कार्ड को वैध दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाएगा। इस पोर्टल के माध्यम से लोग अपनी शिकायतें भी दर्ज कर सकते हैं। विवाह विच्छेद के मामलों में 60 दिनों का समय तय किया गया है।
इसके अलावा, पंचायत, पालिका और निगम स्तर पर उप रजिस्ट्रारों की नियुक्ति की गई है, जो इस प्रक्रिया को सुनिश्चित करेंगे। मुख्यमंत्री ने इस पहल को राज्य में कानून और व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक कदम बताया।
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