उत्तराखंड की राजधानी देहरादून समेत कई जिलों में ट्रैफिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए उत्तराखंड पुलिस ने नई पहल शुरू की है जिसके तहत यदि किसी थाना या चौकी क्षेत्र में ट्रैफिक कंट्रोल नहीं हुआ तो वंहा के थाना इंचार्ज और चौकी इंचार्ज की चरित्र पंजिका {एसीआर} में इसका उल्लेख किया जाएगा। आपको बतादे कि राज्य में ट्रैफिक की समस्या को प्राथमिकता को देते हुए डीजीपी अनिल रतूड़ी ने देहरादून पुलिस मुख्यालय में सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की है। बैठक में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार, एआईजी यातायात केवल खुराना, देहरादून एसपी यातायात धीरेन्द्र गुंजयाल और सीपीयू प्रभारी व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
एडीजी अशोक कुमार ने बताया गया कि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण ओवर स्पीड,नशे में वाहन चलाना, रेश ड्राइविंग,ओवरलोडिंग, वाहनों एवं सड़कों की खराब स्थिति तथा अप्रशिक्षित चालक होना है जिनकी रोकथाम करना पुलिस की प्राथमिकता है।इस बैठक में सभी जिलों में ट्रैफिक को सुचारू रूप से चलाने के लिए चर्चा हुई. सभी जिलों में ट्रैफिक की समस्या न हो इस लिए जिलों के कप्तानों को इसके लिए जिम्मेदार बनाया गया है. इसके साथ ही अब एसएसपी से लेकर चौकी प्रभारियों तक के एसीआर में ट्रैफिक का उल्लेख किया जाएगा।
एआईजी ट्रैफिक केवल खुराना ने बताया कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि हर अधिकारी ट्रैफिक व्यवस्था को प्राथमिकता पर ले. एआईजी ट्रैफिक ने बताया की हर महीने होने वाली क्राइम मीटिंग में अब से ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर भी समीक्षा की जाएगी।
बैठक में निम्न बिन्दुओं पर विचार-विमर्श किया गया
1-दुर्घटना सम्भावित,बोटल नेक,ब्लैक स्पॉट स्थानों का चिन्हीकरण कर सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए वार्निंग संकेत लगाये जाए।
2-नो एन्ट्री वाले स्थानों पर ट्रैफिक खुलते समय पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाए ।
3- प्रमुख चौराहों, जाम सम्भावित क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
4-एसएसपी, एसपी से चौकी इन्चार्ज तक सभी के एसीआर में यातायात सुधार सम्बन्धी कार्या का भी उल्लेख किये जाने का निर्णय लिया गया।
5-समस्त वरिष्ठ/पुलिस अधीक्षकों को अपने-अपने जनपदों के कस्बों में जनता से समन्वय स्थापित करते हुये यातायात व्यवस्था सुधार के लिए कार्य-योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए है।
6- नशे में वाहन चलाने वालों के विरुद्घ कठोर कार्यवाही करने एवं एल्कोमीटर का अधिक से अधिक प्रयोग करने हेतु भी निर्देशित किया गया।
7-पार्किंग स्थलों, बाईपास, फ्लाईओवर के निर्माण एवं सड़कों के सुधारीकरण हेतु अन्य सम्बन्धित विभागों एमडीडीए,पीडब्लूडी,एनएचआईए से समन्वय स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया है।
8-दिनांक 25 नवम्बर को देहरादून में एक ट्रैफिक सेमीनार का आयोजन किया जायेगा जिसमें यातायात सम्बन्धित विभागों के समस्त अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा।
9-यातायात व्यवस्था खराब होने पर सम्बन्धित क्षेत्र के थानाध्यक्ष के विरुद्घ कार्यवाही करने हेतु भी निर्देशित किया गया है।
बता दें कि पूर्व में भी ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार लाने के लिए पुलिस मुख्यालय स्तर पर यातयात निदेशालय का गठन भी किया जा चुका है. जिसके माध्यम से प्रदेश भर में जन जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है. लोगों को ट्रैफिक नियमों का पालन करने वाले छात्रों को फ्री सी-सेट की कोचिंग दी जा रही है. ट्रैफिक सुधार के लिए बड़े स्तर पर युवाओं का सहयोग भी लिया जा रहा है।