Dehradun Smart City: शुरुआती मानसून ने खोली स्मार्ट सिटी की पोल, घरों व प्रतिष्ठानों ने घुस रहा मलबा, व्यापारियों का खासा नुक्सान।

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देहरादून – देहरादून में स्मार्ट सिटी और एडीबी के तहत चल रहे निर्माण कार्यों से लोग खासे परेशान हैं। लोगों को आवाजाही में तो दिक्कतों का सामना करना पड़ ही रहा है। इसके साथ ही व्यवसायी पर भी खास असर पड़ रहा है। इतना ही नहीं जलभराव की स्थिति में लोगों के घरों व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के भीतर मालवा तक घुस रहा है। यह सड़कें बन भी गई तो एक बार फिर खुदेगी। ऐसे में सरकार से लेकर विभागीय मंत्री व जिम्मेदार अधिकारियों पर सवाल उठने लाजमी हैं। देखिए हमारी इस रिपोर्ट में।

उत्तराखंड में हर साल लोग आपदा का दंश तो झेलते ही हैं इस के साथ ही मंत्रियों, अधिकारियों व सरकार के नुमाइंदों के नॉन विजन प्लान के भी खास शिकार होते हैं। यह बात हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि देहरादून में स्मार्ट सिटी व एडीबी के तहत चल रहे निर्माण कार्यों से लोग बहुत परेशान हैं। व्यवसाय पर तो असर पड़ ही रहा है इसके साथ ही आवाजाही में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। 30 जून तक निर्माण कार्य पूरे किए जाने थे लेकिन वह भी सिर्फ बयानों में ही सिमट कर रह गया। उधर मौसम विभाग ने देहरादून सहित प्रदेश के कई जिलों में बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है इधर दूनवासी चिंता में पड़ गए हैं।

स्मार्ट सिटी के तहत 1200 करोड़ से ज्यादा का काम हुआ लेकिन, शहर स्मार्ट नहीं बन पाया मानसून की पहली बारिश ने ही सड़कों को नदियों और तालाबों में तब्दील कर दिया, ऐसे में इतना पैसा खर्च होने के बावजूद यह स्थिति क्यों आई। क्या यह विभागीय मंत्री व जिम्मेदार अधिकारी पूरी तरह से स्मार्ट सिटी का कोई बेहतर प्लान नहीं बना पाए या फिर पैसे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए। क्या इस मामले को लेकर कोई जांच होगी कि आखिर इतने पैसे से शहर स्मार्ट क्यों नहीं बन पाया। क्या यह पूरे पैसे धरातल पर लगे या फिर इसमें भी बंदर बांट हुई, यह एक बड़ा सवाल है। लोगों का कहना है कि ऐसा लग रहा है कि जवाब देह सब गायब हो चुके हैं। जिससे वह परेशानियों का सामना कर रहे हैं।

देहरादून के बंजारा वाला, केदारपुर शिवम विहार, मोथरोवाला, पथरी बाग, सहारनपुर चौक, हरिद्वार बायपास, ब्राह्मण वाला, शास्त्री नगर, राजीव नगर, नेहरू ग्राम, रायपुर क्षेत्र, रायपुर क्षेत्र, सहस्त्रधारा रोड क्षेत्र, शांति विहार चौक, आम वाला, तपोवन कई स्थान है जहां पर यह निर्माण कार्य हो रहे हैं, जिससे लोग न केवल परेशान हो रहे हैं बल्कि चिंतित भी है। मानसून से पहले जहां यह काम पूरी की जाने थे तो वही उन स्थानों को भी बेहतर किया जाना था जहां पर निर्माण कार्य चल रहे हैं लेकिन इस पर जिम्मेदार आंख मूंद कर बैठे हैं। ऐसे में जहां-जहां पर काम चल रहे हैं वहां वहां पर जाम की स्थिति भी उत्पन्न हो रही है।

2025 तक यह निर्माण कार्य पूरे कर भी लिए गए तो देहरादून की सड़क ड्रेनेज प्लान को लेकर फिर से को दी जाएगी और लोग इसी तरह आगामी भी परेशान रहेंगे। यह बात हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि स्वराज एक्सप्रेस के सवाल पर कुछ दिन पूर्व भाजपा के धर्मपुर से विधायक विनोद चमोली ने कहा कि पूरे देहरादून के लिए ड्रेनेज प्लान सिस्टम लाया जा रहा है। जो पूरे 2 हजार करोड़ का है।

उधर सरकार और जिम्मेदार अधिकारियों के रवैया पर कांग्रेस भी लगातार सवाल उठाती हुई नजर आ रही है कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि मानसून से पहले जो तैयारी की जानी थी वह पूरी नहीं की गई जिसका खामियाजा अब लोग भुगत रहे हैं।

उधर भाजपा कह रही है की काम चल रहे हैं लेकिन उनकी निगरानी के लिए विभागीय मंत्री लगातार निर्देश दे रहे हैं और अधिकारी मौका मुआयना कर रहे हैं।

2025 तक निर्माण कार्य पूरे हो पाएंगे या नहीं इस पर भी अभी कुछ नहीं कहा जा सकता, यदि यह काम पूरे हो भी गए तो देहरादून की सड़कें ड्रेनेज प्लान के नाम पर  फिर खोदी जाएगी। ऐसे में हमारा यह बड़ा सवाल है कि क्या बजट खपाने के लिए काम किया जाता है या फिर हमारे पास विजनरी लीडर या अधिकारी नहीं है। ऐसे में देखना यह होगा कि देहरादून वासी कब तक सरकार व अधिकारियों की नाकामी से पीछा छुड़ाएंगे।

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