देहरादून – उत्तराखंड में साइबर अपराधियों ने पुलिस के क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) पर हमला कर सुरक्षा की चौंकाने वाली चूक को उजागर किया है। यह हमला 3 अक्टूबर को हुआ, जिसके बाद से राज्य के आईटी डेवलपमेंट एजेंसी (आईटीडीए) अभी तक सदमे में है। अपराधियों ने रैनसमवेयर का इस्तेमाल करते हुए बिटकॉइन में फिरौती मांगी, जिससे इस हमले की गंभीरता सामने आई।
पुलिस ने मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज कर लिया है। एसटीएफ (विशेष कार्य बल) की टीम साइबर विशेषज्ञों के साथ मिलकर हमले की जांच कर रही है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये हमले देश के भीतर से हुए थे या विदेश से। इस घटना ने राज्य के 160 थानों को प्रभावित किया है, क्योंकि सीसीटीएनएस के माध्यम से एफआईआर से लेकर चार्जशीट तक सभी महत्वपूर्ण कार्य होते हैं।
रैनसमवेयर एक प्रकार का मैलवेयर है, जो किसी सिस्टम में घुसकर उसे लॉक कर देता है और फिरौती की मांग करता है। यदि फिरौती का भुगतान नहीं किया जाता, तो डेटा को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी जाती है।
एडीजी प्रशासन, पुलिस टेलीकॉम व सीसीटीएनएस अमित सिन्हा ने बताया, “यह साइबर हमला पूरे सिस्टम पर था। सीसीटीएनएस इसकी जद में आया, लेकिन हमारी टीम ने इसे तुरंत पहचान लिया था। जांच जारी है।”
इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT) भी सक्रिय रूप से शामिल हैं। सभी एजेंसियां आईटीडीए में काम कर रही हैं ताकि हमले के पीछे की सच्चाई और अपराधियों की पहचान की जा सके।
वर्तमान में, राज्य की महत्वपूर्ण वेबसाइटें सुरक्षित नेटवर्क पर चल रही हैं, लेकिन साइबर अपराधियों की पहचान अभी भी नहीं हो पाई है। यह घटना राज्य की साइबर सुरक्षा के लिए एक बड़ा चेतावनी संकेत है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
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