हरिद्वार – आज बसंत पंचमी के पावन अवसर पर श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए हरकी पैड़ी पहुंच रहे हैं। मान्यता है कि बसंत पंचमी पर गंगा स्नान से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और जीवन में सकारात्मकता आती है। इसके अलावा, पीले वस्त्र पहनने से मां सरस्वती और लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि इस दिन दान, यज्ञ और पूजा करने से व्यक्ति को कई हजार गुना पुण्य मिलता है।
बसंत पंचमी केवल एक पर्व नहीं बल्कि ऋतु परिवर्तन का प्रतीक भी है। इस दिन से गर्मी का मौसम शुरू हो जाता है। कलाकारों के लिए भी इस दिन गंगा स्नान को विशेष पुण्यकारी माना जाता है। इसके अलावा, इस दिन जनेऊ संस्कार और मुंडन संस्कार की परंपरा भी होती है।
पंडित शक्तिधर शास्त्री ने बताया कि बसंत पंचमी सनातन परंपरा का महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन चंद्रमा मीन राशि में होते हैं और पंचक संख्यक नक्षत्र का प्रभाव पड़ता है, जिससे इस दिन गंगा स्नान का महत्व और भी बढ़ जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि बसंत पंचमी पर गंगा स्नान का फल अश्वमेध यज्ञ के समान होता है।
इसके अलावा, पंडित शास्त्री ने बताया कि विक्रमादित्य और राजा भोज के समय इस दिन विद्वानों को सम्मान देने के लिए वाद-विवाद प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती थीं। इस दिन को विशेष रूप से विद्या और ज्ञान की वृद्धि के लिए भी माना जाता है।
श्रद्धालुओं का मानना है कि इस दिन गंगा स्नान से उनके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और वे मां सरस्वती और लक्ष्मी के आशीर्वाद से समृद्ध होते हैं।
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