नैनीताल/रामनगर – कार्बेट टाइगर रिजर्व के ढिकुली गांव में बाघ द्वारा एक महिला की हत्या किए जाने के बाद वन विभाग ने जन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई अहम दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अधिकारियों ने विशेष रूप से रात के समय जंगल में जाने से बचने की सलाह दी है। इस दौरान घटनास्थल पर लगाए गए कैमरा ट्रैप में कई बाघों की गतिविधियाँ दिखने से यह निर्णय लेना मुश्किल हो गया है कि हमलावर बाघ कौन सा था।
मृतक महिला, कौशल्या देवी के परिवार को दो लाख रुपये की तत्काल सहायता प्रदान की गई है। इस घटना के बाद गुरुवार को कार्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने ढिकुली गांव में ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की। बैठक में बाघ के हमले और जन सुरक्षा को लेकर गहन मंथन हुआ।
सूर्यास्त के बाद जंगल में न जाएं लोग
कार्बेट पार्क क्षेत्र में बढ़ते पर्यटकों के कारण होटल और रिसॉर्ट्स में रातभर ठहरने वाले लोग भी इस समस्या का हिस्सा बन गए हैं। अधिकारियों ने होटल और रिसॉर्ट प्रबंधकों को निर्देशित किया है कि वे पर्यटकों को सूर्यास्त के बाद सड़क पर न जाने की सलाह दें। इसके अलावा, कुछ लोग शराब के नशे में जंगल में विचरण करते पाए गए, जिन्हें पार्क के वार्डन ने अपने वाहन से उनके घर पहुंचाया।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि रात में हाथियों से गश्त कराई जाएगी, रात्रि पेट्रोलिंग बढ़ाई जाएगी, और ड्रोन से निगरानी भी की जाएगी।
इस बैठक में पार्क के उपनिदेशक राहुल मिश्रा, पार्क वार्डन अमित कुमार ग्यासीकोटी, गांव के प्रतिनिधि राकेश नैनवाल, अशोक खुल्ये, राजेंद्र छिम्वाल और जगदीश छिम्वाल भी उपस्थित थे।
बाघ के हमले से लगातार बढ़ रही जान-माल की हानि
कार्बेट टाइगर रिजर्व और इसके आसपास के क्षेत्र में मानव और वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। पिछले 14 महीनों में बाघ के हमलों में दस लोगों की जान जा चुकी है। इन हमलों में मुख्य रूप से सर्दी के मौसम में बाघों की आक्रामकता बढ़ जाती है।
हालिया आंकड़ों के अनुसार, कार्बेट क्षेत्र में बाघों ने 17 अक्टूबर को वनकर्मी पवन कुमार, 10 नवंबर को तराई क्षेत्र की पूजा देवी, 12 नवंबर को शिवा गुरंग, 23 नवंबर को राम बहादुर, और 7 दिसंबर को पटरानी क्षेत्र में एक महिला को मार डाला। जनवरी 2024 में बाघ के हमलों में दो महिलाओं की हत्या हुई, और अप्रैल में बाघ ने एक युवक को मार डाला। अब ढिकुली गांव में बाघिन ने एक महिला को मार डाला है।
कार्बेट टाइगर रिजर्व के अधिकारी बोले
“हमारी प्राथमिकता अब जंगलों के आसपास के गांवों और पर्यटकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। हम लगातार निगरानी कर रहे हैं और सभी आवश्यक उपाय उठा रहे हैं,” डॉ. साकेत बडोला ने कहा।
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