भराड़ीसैंण (गैरसैंण): प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में 19 से 22 अगस्त तक चल रहे विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत हंगामे के साथ हुई। सदन की कार्यवाही के लिए सदस्यों ने 550 से अधिक प्रश्न पटल पर रखे हैं, वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी वित्त मंत्री के तौर पर अनुपूरक बजट भी पेश करेंगे।
लेकिन सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस विधायकों के अमर्यादित और अराजक व्यवहार ने सदन की गरिमा को धक्का पहुंचाया। विपक्षी नेताओं ने जनता के मुद्दों पर चर्चा करने की बजाय सदन को अखाड़ा बना दिया। टेबलें पटकी गईं, कागज फाड़े गए और शोर-शराबा कर कार्यवाही में व्यवधान डाला गया।
विपक्ष के हंगामे पर बोले मुख्यमंत्री धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सदन बहस और गंभीर चर्चा का मंच होना चाहिए था, लेकिन विपक्ष ने कानून-व्यवस्था की धज्जियां उड़ाकर पूरे देश में गलत संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि जनता ने पंचायत, विधानसभा, लोकसभा और नगर निकाय चुनावों में भाजपा को बहुमत देकर जिम्मेदारी सौंपी है, जिससे विपक्ष का निराश होना स्वाभाविक है।
सीएम धामी ने कहा कि हम चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार थे। जनता के मुद्दों पर सार्थक बहस होनी चाहिए थी। लेकिन कांग्रेस की परंपरा बन गई है कि जहां चुनाव हारते हैं, वहां ईवीएम, चुनाव आयोग, प्रशासन और सरकार पर सवाल उठाते हैं। जनता सब देख रही है। हमारा लक्ष्य राज्य को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है।”
सदन की कार्यवाही स्थगित
विधानसभा सत्र की कार्यवाही दिनांक 20 अगस्त 2025 प्रातः 11:00 तक के लिए स्थगित। वहीं आपदा प्रभावित जनता की मदद और विकास के मुद्दों पर चर्चा की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को मायूसी हाथ लगी।
सरकार की गंभीरता, विपक्ष की उदासीनता
एक ओर जहां सरकार आपदा से जूझ रही जनता के बीच पहुंचकर उनके घावों पर मरहम लगाने और राहत कार्यों को गति देने का प्रयास कर रही है, वहीं विपक्ष को जनसरोकारों से कोई लेना-देना नहीं दिखा। विपक्ष का पूरा जोर केवल व्यक्तिगत स्वार्थ और हंगामे पर केंद्रित रहा।