सीएम धामी का एक्शन मोड: 2 दिन में 7 विभागों की समीक्षा

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक्शन मोड में हैं। तेज़ फैसले, लगातार विभागीय समीक्षा और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर सीधा फोकस यह साफ़ कर रहा है कि सरकार पारदर्शी, तेज़ और परिणाममुखी शासन देने के संकल्प के साथ काम कर रही है। मुख्यमंत्री का साफ संदेश है—अब सिर्फ फाइलें नहीं चलेंगी, नतीजे ज़मीन पर दिखने चाहिएं।

बीते दो दिनों में मुख्यमंत्री ने सात प्रमुख विभागों—लोक निर्माण, परिवहन, उद्योग, नागरिक उड्डयन, आईटी, शहरी विकास और ग्रामीण विकास—की समीक्षा बैठकें कीं। इन बैठकों के केंद्र में वे 24 ‘गेमचेंजर योजनाएं’ रहीं, जिन्हें खुद सीएम धामी विशेष निगरानी में रखे हुए हैं। उन्होंने अधिकारियों से सभी योजनाओं के लिए टाइमबाउंड एक्शन प्लान मांगा और स्पष्ट किया कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।

सीएम धामी ने दो टूक कहा कि “गुड गवर्नेंस कोई स्लोगन नहीं, हमारी कार्यसंस्कृति है।” उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि तकनीक आधारित मॉनिटरिंग हो, फील्ड विजिट हों और जनता से सीधा संवाद किया जाए। उन्होंने इनोवेशन और बेस्ट प्रैक्टिस को अपनाने पर भी ज़ोर दिया।

धामी की यह सक्रियता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘उत्तराखंड दशक’ विजन को धरातल पर उतारने की दिशा में अहम मानी जा रही है। मुख्यमंत्री की कोशिश है कि उत्तराखंड विकास, निवेश, पर्यटन और आधारभूत ढांचे के क्षेत्र में देश के लिए एक रोल मॉडल बने।

24 गेमचेंजर योजनाओं से विकास का रोडमैप तैयार
सीएम धामी के नेतृत्व में प्रदेशभर में 24 गेमचेंजर योजनाएं चिह्नित की गई हैं। इनका फोकस कृषि, पशुपालन, मत्स्य, उद्यान, वन, पंचायती राज, पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा, सिंचाई, ऊर्जा, कौशल विकास जैसे विविध क्षेत्रों में व्यापक सुधार लाना है। मुख्यमंत्री समय-समय पर स्वयं इनकी समीक्षा कर रहे हैं।

धामी सरकार का यह रवैया स्पष्ट करता है—घोषणाओं की नहीं, अब क्रियान्वयन की राजनीति चलेगी।

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