मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वाल्मीकि जयंती (Valmiki Jayanti) के अवसर पर महर्षि वाल्मीकि के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनका भावपूर्ण स्मरण किया।
Valmiki Jayanti 2025 आज
आज देशभर महर्षि वाल्मीकि की जयंती मनाई जा रही है। महर्षि वाल्मिकी महाकाव्य रामायण के रचनाकार महर्षि वाल्मीकि थे। इसके साथ ही उन्हें आदिकवि भी कहा जाता है। वाल्मिकी जयंती हर साल आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है।
सीएम धामी ने श्रद्धा सुमन अर्पित कर आदिकवि को किया याद
वाल्मिकी जयंती के अवसर पर सीएम धामी ने श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें याद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि रामायण के रचनाकार, आदिकवि महर्षि वाल्मीकि की रचनाओं से हमें सत्य, प्रेम और कर्तव्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। उनके द्वारा दी गई समरसता, सद्भाव तथा मानवता जैसे नैतिक मूल्यों की शिक्षा सदैव प्रेरित करती रहेगी।
कौन थे महर्षि वाल्मिकी ?
महर्षि वाल्मिकी के जन्म के विषय में कोई सटीक प्रमाण तो नहीं मिलते लेकिन ऐसा माना जाता है कि महर्षि वाल्मिकी ऋषि कश्यप और माता अदिति की नौंवी संतान वरुण और उनकी पत्नी चर्षणी के पुत्र थे। ऋषि भृगु इनके बड़े भाई थे। ऐसा कहा जाता है कि कई सालों तक भगवान श्री राम की साधना करते हुए उनके शरीर दीमक लग गया था इसी कारण उनका नाम महर्षि वाल्मिकी पड़ा।