देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को रेंजर्स ग्राउंड, देहरादून में उत्तराखंड के पहले सोलर मेला ‘सौर कौथिग’ का उद्घाटन किया। इस दो दिवसीय मेले में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना, मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना और सोलर वाटर हीटर योजना के लाभार्थियों को अनुदान राशि के चेक भी वितरित किए। इसके साथ ही, यूपीसीएल मुख्यालय में सौर ऊर्जा आधारित म्यूरल आर्ट का लोकार्पण भी किया।
मुख्यमंत्री धामी ने सौर ऊर्जा के प्रति जन जागरूकता बढ़ाने के लिए चलाए जा रहे सोलर वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जो आगामी सौ दिनों तक सौर ऊर्जा से संबंधित जानकारी लोगों तक पहुंचाएगी। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर सौर ऊर्जा के क्षेत्र में हो रहे नवोन्मेषी प्रयोगों की जानकारी भी ली और विभिन्न स्टॉल का दौरा किया।
सौर कौथिग को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि “सौर समृद्ध उत्तराखंड अभियान के अंतर्गत यह मेला ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और राज्य के सतत् विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।” उन्होंने यह भी कहा कि सौर ऊर्जा से उत्तराखंड को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का उद्देश्य है और यह कदम राज्य के पर्यावरण को भी लाभ पहुंचाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवाश्म ईंधन के सीमित स्रोत और पर्यावरण पर इसके दुष्प्रभाव को देखते हुए सौर ऊर्जा का उपयोग आवश्यक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं और अभियान चलाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की ओर से सौर ऊर्जा के प्रयोग को प्रोत्साहित करने के लिए नई नीति लागू करने का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि राज्य में 70 प्रतिशत की सब्सिडी के साथ रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने को बढ़ावा दिया जा रहा है और अब तक पीएम सूर्यघर योजना के तहत 11 हजार से अधिक लाभार्थियों को 90 करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान दिया जा चुका है।
उन्होंने कहा, “2026 तक राज्य में 250 मेगावाट की सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।” साथ ही, राज्य में सोलर वेंडरों की संख्या को बढ़ाकर 365 किया गया है।
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