

उत्तराखंड में दिवाली के 11 दिन बाद एक बार फिर से पहाड़ का उल्लास जाग उठा है। देहरादून से लेकर पौढ़ी गढ़वाल तक आज धूमधाम से इगास का पर्व मनाया जा रहा है। घरों में मीठे पकवान बन रहे हैं तो कहीं रात के लिए भैलो की तैयारी की जा रही है।
लोकपर्व इगास बग्वाल की हार्दिक शुभकामनाएं
उत्तराखंड के लोकपर्व इगास बग्वाल की सीएम पुष्कर सिंह धामी और राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। सुबह से पहाड़ से लेकर दिल्ली तक घरों में रौनक देखने को मिल रही है। लोग घरों की साफ-सफाई के बाद मीठे पकवान बना रहे हैं। इसके साथ ही देवी-देवताओं की पूजा कर रहे हैं।
इगास पर रात को खेला जाता है भैलौ
उत्तराखंड में दिवाली के 11 दिन बाद कार्तिक शुक्ल की एकादशी के दिन लोकपर्व इगास मनाया जाता है। इस बार दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई गई। ऐसे में इगास बग्वाल (igass 2025) इस साल दिवाली के 11 दिन बाद यानी कि 1 नंवबर को मनाई जाएगा। इस दिन रात में भैला खेला जाता है। भैलौ या भैला चीड़ की लकड़ियों से बनाया जाता है। रात में इसे जलाकर गोल-गोल घुमाया जाता है। इसके साथ पारंपरिक वाद्य यंत्रों पर मिलकर सभी झूमते हैं।



