मुंबई – शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव की संभावना बन गई है। भारतीय शेयर बाजार के रेगुलेटर सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने डिजिलॉकर (DigiLocker) के माध्यम से निवेशकों के फाइनेंशियल एसेट्स के ट्रांसफर को सरल बनाने का प्रस्ताव दिया है। इसका मुख्य उद्देश्य निवेशक के निधन के बाद उसके डिमैट अकाउंट्स (Demat Accounts) और म्यूचुअल फंड यूनिट्स की जानकारी को सुरक्षित रूप से ट्रांसफर करना है, जिससे नॉमिनी या वारिस को इन फाइनेंशियल एसेट्स का सुगम तरीके से अधिकार मिल सके।
निवेशकों के फाइनेंशियल एसेट्स होंगे डिजिलॉकर में स्टोर
SEBI का प्रस्ताव है कि निवेशक के डिमैट अकाउंट्स में मौजूद स्टॉक्स, डिबेंचर, और म्यूचुअल फंड यूनिट्स का डिटेल डिजिलॉकर के जरिए स्टोर किया जाएगा। इससे न केवल निवेशकों को अपने निवेशों की सुरक्षा मिलेगी, बल्कि उनके निधन के बाद नॉमिनी को इन एसेट्स के ट्रांसफर में कोई कठिनाई नहीं होगी। डिजिलॉकर के इस्तेमाल से निवेशक के फाइनेंशियल एसेट्स को एक सुरक्षित डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रखा जाएगा।
निवेशक के निधन पर नॉमिनी को मिलेगा नोटिफिकेशन
इस प्रणाली के अंतर्गत, यदि निवेशक का निधन हो जाता है, तो डिजिलॉकर उनके अकाउंट को अपडेट कर देगा और नॉमिनी को इसकी सूचना भेजेगा। इसके बाद नॉमिनी या वारिस इन एसेट्स को आसानी से एक्सेस कर सकेंगे और उन्हें ट्रांसफर कर सकेंगे। इससे अनक्लेम्ड एसेट्स की समस्या को भी समाप्त किया जाएगा और सही वारिस तक फाइनेंशियल एसेट्स का ट्रांसफर सुनिश्चित होगा।
31 दिसंबर तक दे सकते हैं सुझाव
SEBI ने कंसलटेशन पेपर में यह प्रस्ताव दिया है कि डिपॉजिटरीज और म्यूचुअल फंड्स अपने डिमैट और म्यूचुअल फंड होल्डिंग स्टेटमेंट को डिजिलॉकर पर उपलब्ध कराएं। इसके साथ ही, केवाईसी रजिस्ट्रेशन एजेंसीज (KRAs) को भी डिजिलॉकर के माध्यम से निवेशक के निधन की सूचना देने का प्रस्ताव है। SEBI ने इस बारे में सुझाव प्राप्त करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2024 रखी है।
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