देहरादून: आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में कुलसचिव को हटाने के मामले में सरकार की कार्यवाही ऊहापोह में फंसकर रह गई है। कुलसचिव डॉ मृत्युंजय कुमार मिश्रा को अभी तक अवमुक्त नहीं किया जा सका है, वहीं शासन ने उक्त पद पर आइएएस और अपर सचिव वी षणमुगम को विश्वविद्यालय का कुलसचिव नियुक्त कर दिया है।
इस संबंध में मंगलवार को आदेश जारी कर दिए गए। उधर, कुलसचिव डॉ मिश्रा को नई दिल्ली में स्थानिक आयुक्त कार्यालय में अपर आयुक्त बनाने में पेच है। सामान्य प्रशासन इस मामले में नए सिरे से पत्रावली बढ़ाने की तैयारी में है।
आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलसचिव पद से मिश्रा को अवमुक्त करने के आदेश शासन ने जारी तो किए, लेकिन मामले को लटकाने की भी कोशिश साफ दिखाई पड़ रही है। मिश्रा को अवमुक्त करने के आदेश में ही सरकार ने पहले उनकी नई दिल्ली में स्थानिक आयुक्त कार्यालय में अपर आयुक्त की तैनाती को भी कहा है। साफ है कि अपर आयुक्त पद पर तैनाती नहीं होने की स्थिति में मिश्रा कुलसचिव पद पर लंबे अरसे तक बने रहे तो कोई आश्चर्य नहीं।
दरअसल, मिश्रा को अपर आयुक्त बनाने के फैसले से सामान्य प्रशासन महकमा अचंभे में है। कैडर पद पर गैर कैडर की नियुक्ति के इस मामले में मुख्यमंत्री के अनुमोदन वाली पत्रावली को सामान्य प्रशासन ने प्राप्त कर लिया है। अब सामान्य प्रशासन की ओर से इस मामले में नए सिरे से पत्रावली बढ़ाई जा सकती है।
वहीं आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में कुलसचिव पद पर समायोजित किए जाने के बाद से मिश्रा की मूल महकमे उच्च शिक्षा में वापसी की राह में भी पेच फंसा है। उधर, कार्मिक ने मंगलवार को विश्वविद्यालय के कुलसचिव पद पर आइएएस वी षणमुगम की तैनाती के आदेश मंगलवार को कर दिए।