नई दिल्ली – भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के मामले में एक और बड़ी कामयाबी मिली है। दरअसल भारतीय नौसेना ने पनडुब्बी रोधी मिसाइल सिस्टम का सफल परीक्षण किया है। भारतीय नौसेना ने बुधवार को ओडिशा में बालासोर के तट पर सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (SMART) मिसाइल सिस्टम का सफल परीक्षण किया। बुधवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से सुपरसोनिक मिसाइल सिस्टम ने उड़ान भरी। यह अगली पीढ़ी का मिसाइल सिस्टम है, जो लाइटवेट टॉरपीडो डिलीवरी सिस्टम पर आधारित है। इसे डीआरडीओ द्वारा ही डिजाइन और विकसित किया गया है।
DRDO today successfully flight tested Supersonic Missile Assisted Release of Torpedo( SMART) from Dr APJ Abdul Kalam Island off the coast of Odisha.https://t.co/sbrcms4Upn@DefenceMinIndia @SpokespersonMoD pic.twitter.com/xAVBoQ5gF5
— DRDO (@DRDO_India) May 1, 2024
पनडुब्बी रोधी युद्ध में अहम
पनडुब्बी रोधी युद्ध में यह मिसाइल सिस्टम बेहद अहम है। यह मिसाइल लंबी दूरी के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है। SMART मिसाइल को युद्धक जहाज के साथ ही तटीय इलाकों से भी लॉन्च किया जा सकता है। यह मिसाइल अपनी अधिकांश उड़ान कम ऊंचाई पर हवा में पूरी करती है और अपने लक्ष्य के नजदीक जाकर मिसाइल से टॉरपीडो रिलीज होकर पानी के भीतर लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। कैनिस्टर आधारित इस मिसाइल सिस्टम में कई आधुनिक सब-सिस्टम हैं, जिनमें दो चरणीय सॉलिड प्रोपल्शन सिस्टम, इलेक्ट्रोमैकेनिकल एक्टुएटर सिस्टम , नेविगेशन सिस्टम आदि शामिल हैं। यह सिस्टम एक कम वजनी टॉरपीडो को बतौर पेलोड साथ लेकर उड़ान भरता है, जिसमें पैराशूट आधारित रिलीज सिस्टम होता है। आज के परीक्षण में टॉरपीडो के मिसाइल सिस्टम से अलग होने और अन्य तकनीकी पहलुओं की जांच की गई।
रक्षामंत्री ने दी डीआरडीओ को बधाई
टॉरपीडो एक सिगार के आकार का हथियार होता है, जिसे पनडुब्बी, युद्धक जहाज या लड़ाकू विमान से दागा जा सकता है। यह टॉरपीडो अपने लक्ष्य के संपर्क में आते ही धमाके के साथ विस्फोट हो जाता है। इस मिसाइल सिस्टम के नौसेना में शामिल होने के बाद नौसेना की मेरीटाइम क्षमता काफी बढ़ जाएगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने SMART मिसाइल सिस्टम के सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई दी। राजनाथ सिंह ने कहा कि इससे नौसेना की क्षमताएं बढ़ेंगी।