भारतीय सेना में 2 आर्मी गर्ल्स स्पोर्ट्स कंपनियों के गठन का एलान, मिलेगा सीधा प्रवेश।

नई दिल्ली – अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर भारतीय सेना ने महिला सशक्तीकरण और नारी शक्ति के प्रदर्शन के राष्ट्रीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर चरणबद्ध तरीके से 2 आर्मी गर्ल्स स्पोर्ट्स कंपनियों (एजीएससी) के गठन का एलान किया है। इन कंपनियों के संचालन के लिए सेना ने अपने दो सेंटर ऑफ एक्सिलेंस को चिह्नित किया है। महू में आर्मी मार्क्समैनशिप यूनिट और पुणे में आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट के जरिये देशभर से चुनी गई लड़कियों को शिक्षा देने के साथ ही खेलों में चैंपियन बनाया जाएगा। इसके अलावा यहां से पढ़कर निकली इन लड़कियों को सेना में सीधे प्रवेश मिल पाएगा।

शुक्रवार को सेना की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि एजीएससी एक अप्रैल से शुरू हो जाएगा। इसके तहत युवा प्रतिभा की पहचान की जाएगी। इन लड़कियों को औपचारिक शिक्षा के साथ ही खेलों के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके अलावा एजीएससी के तहत चुनी गई लड़कियां अग्निवीर व नॉन कमिशंड ऑफिसर (एनसीओ) और जूनियर कमिशंड ऑफिसर (जेसीओ) योजनाओं के तहत सेना में सीधे भर्ती के लिए पात्र होंगी।

इन खेलों का मिलेगा प्रशिक्षण  
सेना के मुताबिक एजीएससी के जरिये लड़कियों को शूटिंग, तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बॉक्सिंग और वेटलिफ्टिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। महू और पुणे में इन खेलों का प्रशिक्षण देने के लिए सेना के पास वर्ल्ड क्लास ट्रेनिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और स्पोर्ट मेडिसिन सेंटर है। इसके साथ ही सेना की तरफ से जारी वक्तव्य मं बातया गया यहां प्रशिक्षण के लिए चुनी गई लड़कियों को सीनियर आर्मी टीम और एथलीट्स के अनुभव का भी लाभ मिलेगा क्योंकि वे भी यहीं ट्रेनिंग करते हैं। भारतीय सेना लड़कों के लिए इस तरह की स्पोर्ट्स कंपनियां पहले से ही चला रही है। यहां से निकलने वाले युवा खिलाड़ी अब तक देश के लिए कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक ले चुके हैं।

महिलाओं के लिए दो राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र खुलेंगे : अनुराग
केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विशेष रूप से महिलाओं के लिए दो राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना की घोषणा की। राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र 23 केंद्रित प्राथमिकता वाले विषयों को कवर करते हैं, जहां भारतीय एथलीटों को एशियाई खेलों और ओलंपिक जैसी प्रतियोगिताओं में पदक जीतने का मौका मिलता है। राज्य स्तर पर प्रशिक्षकों, कोचों और बुनियादी ढांचे की कमी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ठाकुर ने कहा, खेल एक राज्य का विषय है, लेकिन फिर भी केंद्र सरकार देश में खेलों के उत्थान के लिए उत्सुक है। हमें बुनियादी ढांचे और कोचों पर बहुत पैसा खर्च करना होगा। हम राज्य सरकारों के साथ सहयोग कर रहे हैं और उनसे तीन प्रमुख खेलों की पहचान करने को कहा है, ताकि हमारे पास एक रोडमैप और जानकारी हो कि कौन सा राज्य हॉकी, मुक्केबाजी और एथलेटिक्स को बढ़ावा देगा।

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