जंगली जानवरों के बढ़ते खतरे के बीच छात्रों के लिए निःशुल्क वाहन सेवा शुरू
रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के कई जिलों में इन दिनों गुलदार, भालू और अन्य जंगली जानवरों के आतंक से लोग परेशान हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि बच्चे भी अब स्कूल जाने से डरने लगे हैं। ऐसे में छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए जिला प्रशासन ने स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए निःशुल्क वाहन सुविधा शुरू की है। डीएम प्रतीक जैन के निर्देश पर 28 गांवों के लगभग 200 छात्रों के लिए 13 वाहनों की व्यवस्था की गई है।
जंगली जानवरों के हमलों से अभिभावक चिंतित
जंगली जानवरों की बढ़ती घटनाओं के कारण अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी प्रतीक जैन को ज्ञापन सौंपकर त्वरित कार्रवाई की मांग की। मामले की गंभीरता समझते हुए जिलाधिकारी ने तत्काल संज्ञान लेकर छात्र सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश जारी किए।
संवेदनशील मार्गों पर निःशुल्क वाहन सेवा लागू
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि उन मार्गों को चिन्हित किया जाए, जहां विद्यार्थी जंगलों या झाड़ीदार क्षेत्रों से होकर लंबी दूरी पैदल तय करते हैं। जब तक स्थिति सामान्य नहीं होती, तब तक इन संवेदनशील मार्गों पर छात्रों को सुरक्षित आवागमन हेतु निःशुल्क परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने को कहा गया।
28 गांवों के बच्चों के लिए 13 वाहनों की व्यवस्था
मुख्य शिक्षा अधिकारी ने ग्रामीण क्षेत्रों से आए प्रस्तावों पर तुरंत कार्रवाई की।
इनमें शामिल थे—
- चन्द्रनगर क्षेत्र के बाड़व और कांदी के विद्यार्थी
- गोर्ति व बुढ़ना इंटर कॉलेज में पढ़ने वाले पालाकुराली क्षेत्र के छात्र
- रा.इ.का. चोपड़ा क्षेत्र के लगभग आठ गांवों के विद्यार्थी
इन प्रस्तावों के आधार पर 28 गांवों के करीब 200 छात्रों के लिए 13 वाहन उपलब्ध कराए गए हैं। यह सेवा सोमवार से विद्यालय स्तर पर प्रधानाचार्यों और जनप्रतिनिधियों की मदद से शुरू कर दी गई है। धनराशि की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की गई है।
पर्वतीय जिलों में वन्यजीवों का बढ़ता खतरा
गौरतलब है कि पहाड़ी इलाकों में वन्यजीव हमलों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे आमजन जीवन खतरे में है। सोमवार को स्थिति का निरीक्षण करने गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे और प्रमुख सचिव आरके सुधांशु पौड़ी पहुंचे। उन्होंने गजल्ड गांव में गुलदार के हमले में मारे गए राजेंद्र नौटियाल के परिजनों से भेंट कर सांत्वना दी।
लेकिन उसी दौरान गजल्ड के पास एक और घटना हो गई, जहां गुलदार ने एक मवेशी पर हमला कर उसे मार डाला। अधिकारियों के दौरे के बीच हुई इस घटना ने ग्रामीणों के आक्रोश को और बढ़ा दिया।




