
देहरादून : राजधानी देहरादून इन दिनों पूरी तरह से विरासत महोत्सव के रंग में रंगी हुई है। भारतीय कला, संगीत, नृत्य, संस्कृति और लोक परंपराओं का संगम बनकर ये महोत्सव देहरादून की पहचान को फिर से जीवंत कर रहा है। लेकिन दिवाली से पहले इस मेले में भीड़ काफी ज्यादा बढ़ गई है।
दिवाली से पहले बड़ी संख्या में विरासत पहुंच रहे लोग
दिवाली से पहले लोग खरीददारी करते हैं और इसे शुभ भी माना जाता है। ऐसे में देहरादून में विरासत उनके लिए बढ़िया ऑप्शन रहता है। हर साल लोग अपने घरों के लिए यहां से खरीददारी करते हैं।
यहां उन्हें सजावटी सामान से लेकर मंदिर की मूर्तियां तक सारा सामान एक ही जगह मिल जाता है। इसलिए हर साल यहां बड़ी संख्या में लोग आते हैं। यही कारण है कि बीते 30 सालों से हर साल दिवाली से पहले विरासत मेला लगता चला आ रहा है।
लोग जमकर कर रहे खरीददारी
बता दें कि विरासत आर्ट एंड हेरिटेज महोत्सव-2025 का शुभारंभ चार अक्टूबर से हुआ था। जो कि 18 अक्टूबर तक चलेगा। कार्यक्रम का उद्घाटन राज्यपाल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया था। दिवाली से पहले बड़ी संख्या में विरासत पहुंच रहे लोग विरासत मेले में पहुंच रहे हैं।
लोग दिवाली के लिए जमकर खरीददारी कर रहे हैं। जिस से दुकानदारों में भी खुशी देखने को मिल रही है। स्टॉल संचालकों का कहना है कि विरासत मेला में लोगों की भीड़ पहले से कहीं ज़्यादा है। बिक्री अच्छी चल रही है, माहौल शानदार है।
विरासत से दिवाली से पहले देहरादून में रौनक
मेला देखने आए लोगों का कहना है कि यहां सिर्फ खरीदारी नहीं, बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति का असली अनुभव मिला है। हर साल कुछ नया देखने को मिलता है। राजधानी के इस सांस्कृतिक महोत्सव में लोक और शास्त्रीय संगीत की गूंज, पारंपरिक नृत्यों की थिरकन और रंगीन हस्तशिल्पों की प्रदर्शनी ने दिवाली से पहले देहरादून को एक नई ऊर्जा से भर दिया है।