सीएम त्रिवेंद्र ने उत्तराखंड में लिखी सुशासन की नई इबारत, पहले मुख्यमंत्री जिनकी 85 प्रतिशत घोषणाएं पूरी

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पौने चार साल में सुशासन और जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन की सरकार देने के साथ अपनी 85 प्रतिशत घोषणाएं भी पूरी कर दी हैं। प्रदेश के वह पहले मुख्यमंत्री जिन्होंने अपनी लगभग हर घोषणा को पूरा करने पर फोकस रखा। त्रिवेंद्र सिर्फ लोगों को लुभाने के लिए घोषणा नहीं करते बल्कि जनता की समस्याओं को दूर करने और विकास से हर गांव को जोड़ने के लिए निर्णय लेते हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह की सुशासन के लिए ई-कैबिनेट, ई-आफिस, सीएम डैश बोर्ड उत्कर्ष, सीएम हेल्पलाईन 1905, सेवा का अधिकार और ट्रांसफर एक्ट की पारदर्शी व्यवस्था के चलते कार्यसंस्कृति में गुणात्मक सुधार हुआ है। भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस सरकार की प्रमुख नीति है। इन्वेस्टर्स समिट के बाद पहले चरण में 25 हजार करोड़ रूपए से अधिक के निवेश की ग्राउंडिंग हो चुकी है। अगले डेढ़ वर्ष में इसे 40 हजार करोड़ तक करने का लक्ष्य रखा गया है।

घोषणाओं पर प्रगति की खुद करते हैं मॉनिटरिंग

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जनता से किये हर वादों को धरातल पर उतारने के लिए खुद हर एक घोषणा पर प्रगति की मॉनिटरिंग करते है। उन्होंने ऐसा सिस्टम विकसित किया है कि घोषणाओं पर तेज़ी से पूरा किया जाता है। उनकी 85 प्रतिशत घोषणा पूरी हो चुकी है जबकि शेष 15 पर काम जारी है।

वन्यजीवों से फसलों की सुरक्षा पर फोकस

राज्य सरकार वन्यजीवों से फसलों की सुरक्षा के लिए व्यापक कार्ययोजना पर काम कर रही है। इसमें चार वानर रेस्क्यू सेंटरों की स्थापना, 125 किमी जंगली सूअर रोधी दीवार, 50 किमी सोलर फेंसिंग, 13 किमी हाथी रोधी दीवार, 250 किमी हाथी रोधी खाइयों का निर्माण शामिल है। महिला पौधालयों की स्थापना पर भी काम किया जा रहा है, जिसमें कि लगभग 20 हजार महिलाओं को रोजगार सम्भावित है। एक वैश्विक स्तर का साईंस कालेज और प्रदेश के 5 हजार स्कूलों में हिमालय इको क्लबों की स्थापना की कार्ययोजना भी

नए पर्यटन केद्रो का विकास

13 डिस्ट्रिक्ट-13 न्यू डेस्टीनेशन से नए पर्यटन केंद्रों का विकास हो रहा है। होम स्टे योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। विभिन्न रोपवे प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। जलसंरक्षण और जलसंवर्धन पर काफी काम किया गया है। प्रदेश की नदियों, झीलों, तालाबों और जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए व्यापक जनअभियान शुरू किया गया है।

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