शैली श्रीवास्तव- आज शनैचरी अमावस्या है और इस बार शनैश्चरी अमावस्या पर शुभ संयोग बन रहा है। और आज के दिन शनि देव की विधि विधान से पूजा करने पर दुखों का निवारण होगा। इस दिन अमावस्या भी साथ होने से अधिक शुभ संयोग बन रहा है। शास्त्रों के अनुसार यह पितृकार्येषु अमावस्या के रूप में भी जानी जाती है। कालसर्प योग, ढैय्या तथा साढ़ेसाती सहित शनि संबंधी अनेक बाधाओं से मुक्ति पाने का यह दुर्लभ समय होता है जब शनिवार के दिन अमावस्या का समय हो जिस कारण इसे शनि अमावस्या कहा जाता है। शनि का पूजन और तैलाभिषेक कर शनि की साढे साती, ढैय्या और महादशा जनित संकट से भी मुक्ति पाई जा सकती है।
शनि अमावस्या ज्योतिष शास्त्र के अनुसार साढ़ेसाती एवं ढैय्या के दौरान शनि व्यक्ति को अपना शुभाशुभ फल प्रदान करता है। शनि अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन शनि देव को प्रसन्न करके व्यक्ति शनि के कोप से अपना बचाव कर सकते हैं। पुराणों के अनुसार शनि अमावस्या के दिन शनि देव को प्रसन्न करना बहुत आसान होता है। शनि अमावस्या के दिन शनि दोष की शांति बहुत ही सरलता कर सकते हैं। शनैचरी अमावस्या कों शनि कों प्रसन्न करने के लिए काले उड़द की दाल का मीठा हलवा शनि की प्रसन्नता के लिए उड़द, तेल, इन्द्रनील यनीलमद्ध, तिल, कुलथी, भैंस, लोह, दक्षिणा और श्याम वस्त्र दान करें। इसके साथ-साथ किसी भी शनि मंदिर में शनि की वस्तुओं जैसे काले तिल, काली उड़द, काली राई, काले वस्त्र, लौह पात्र तथा गुड़ का दान करने से इच्छित फल की प्राप्ति होती है।
1- शनैचरी अमावस्या के दिन यह उपाय करें आप शनि कों प्रसन्न कर सकते है।
2- शनिवार का व्रत रखें।
3- व्रत के दिन शनिदेव की पूजा कवच, स्तोत्र, शनि चालीसा, मंत्र जपद्ध करें।
4- शनिवार व्रत कथा पढ़ना भी लाभकारी रहता है।
5- व्रत में दिन में दूध, लस्सी तथा फलों के रस ग्रहण करें।
6- सायंकाल हनुमानजी या भैरवजी का दर्शन करें।