देहरादून। भारतीय जनता पार्टी के विधायकों और मंत्रियों के विरोध के कारण स्लाटर हाऊस पर महाभारत शुरू हो गई है। अब पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने भी स्लाटर हाऊस का विरोध कर अपनी राय जाहिर कर स्पष्ट कर दिया है कि उत्तराखंड में कोई स्लाटर नहीं बनने चाहिए। इस मुद्दे को पहले ही कई विधायकों ने उठाना प्रारंभ कर दिया था। मंगलौर के कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन इस स्लाटर हाऊस निर्माण के पक्ष में है जिन्हें भाजपा विधायक स्वामी यतीश्वरा नंद तथा आदेश चौहान के साथ-साथ पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने भी प्रकारान्तर में चुनौती दे दी है।
मंगलौर में बनने वाले स्लाटर हाऊस के विरोध में भाजपा के पांच विधायक सामने आ गए हैं। शुक्रवार को सतपाल महाराज ने इस मुद्दे पर सरकार की नीतियों के विरुद्ध बयान देकर इसे और तूल दे दिया है। सतपाल महाराज का कहना है कि देवभूमि में कहीं भी स्लाटर हाऊस नहीं बनना चाहिए। यह देवभूमि की मान्यताओं के विरुद्ध है। दूसरी ओर कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में अनुमति दी गई थी और सरकार द्वारा स्लाटर हाऊस के लिए 10 करोड़ रुपये की मंजूरी भी दी जा चुकी है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी स्लाटर हाऊस के विरुद्ध अभियान चलाया था। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस और बसपा नेताओं में छिड़ी जंग में भाजपा के भी पांच विधायक कूद गए हैं। भाजपा विधायक आदेश चौहान का यहां तक कहना है कि वह स्लाटर हाऊस में एक ईंट भी नहीं लगने देंगे, जबकि बसपा विधायक सरबत करीम अंसारी इसका खुला विरोध कर रहे हैं और आंदोलन की चुनौती दे चुके हैं। एक ओर राज्य सरकार पशु वध के विरुद्ध है और पशु बलि प्रथा समाप्त करने का प्रयास कर रही है। दूसरी ओर इस स्लाटर हाऊस को लेकर भाजपा और अन्य दलों के पांच विधायकों के आ जाने से स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई है। सरकार भी अपने विधायकों के कारण पशोपेश में है।