देहरादून। उत्तराखंड के नये सूचना महानिदेशक दीपेंद्र कुमारचौधरी ने अपने कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही विभाग को समझने और व्यवस्था बनाने का काम प्रारंभ कर दिया है। सूचना विभाग को ऐसा ही अधिकारी चाहिए जो पत्रकार संगठनों के मुद्दे को समझे और उनका मूर्त रूप दें। अब तक दर्जनों पत्रकार संगठन सूचना महानिदेशक दीपेंद्र कुमार चौधरी से मिल चुके हैं और उनका अपनी समस्याओं से अवगत करा चुके हैं। इसे सूचना महानिदेशक की सतर्कता कहेंगे या उनकी कार्यशैली की आते ही उन्होंने विभिन्न जनपदों और सूचना कार्यालयों का भ्रमण प्रारंभ कर दिया है ताकि कर्मचारियों की समस्याओं से अवगत होकर उनका निस्तारण किया जाए।
सूचना महानिदेशक दीपेंद्र चौधरी ने यह भी प्रयास किया है कि जिन सूचना कार्यालयों के अपने भवन नहीं है, उन संदर्भों में भी विशेष कार्यवाही हो और सूचना कार्यालयों को अपने भवन मिल सके ताकि सूचना विभाग मुक्त रूप से अच्छे कार्य कर सके। इसके लिए सूचना महानिदेशक ने विशेष प्रयास प्रारंभ कर दिए हैं और विभिन्न क्षेत्रों में जाकर समस्याओं से रूबरू हो रहे हैं।
सच कहें तो सूचना महानिदेशक की यह पहल जहां सूचना जैसे महत्वपूर्ण विभाग को जो सरकार का आंख, नाक, कान होता है मजबूत करेगी, वहीं पत्रकारों की समस्याओं के निस्तारण के बाद पत्रकारों की नाराजगी भी कम हो जाएगी जिसका लाभ अंततोगत्वा सरकार को मिलेगा। सूचना विभाग के महानिदेशक की इस कार्य शैली से अब पत्रकारों में यह चर्चा होने लगी है कि अधिकारी हो तो ऐसा जो पत्रकारों की समस्याओं का निस्तारण करे और विभाग को मजबूत करे ताकि सरकार की योजनाओं को अच्छे ढंग से प्रचार प्रसार किया जा सके जो इस विभाग का महत्वपूर्ण दायित्व है। सूचना विभाग के अधिकारी, कर्मचारी भी मानने लगे हैं कि पहली बार कोई ऐसा अधिकारी आया है जो सबकी सुन और समझ रहा है।
चर्चा यह है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सूचना महानिदेशक दीपेंद्र चौधरी के पत्रकारों तथा सामाजिक संगठनों से मिलने-जुलने तथा उनकी समस्याओं का निस्तारण करने के प्रयासों से प्रभावित है। चर्चा तो यहां तक है कि आने वाले दिनों में श्री चौधरी को कई और महत्वपूर्ण विभाग मिल सकते हैं।