क्या आप परेशान है या आप का आर्थिक बजट गड़़बड़ा गया है। घर में बीमारियां रहती है या हमेशा चकचक होती रहती है। आय में बढ़ोतरी नहीं हो रही है या पैसे आते हैं बचते नहीं, तो वास्तु सुधारिये, सब कुछ सुधर जाएगा। छोटी-छोटी बातें आपके परिवार को अमन-चैन दे सकती है। यदि आपके सारे प्रयास व्यर्थ हो रहे हैं तो वास्तु के ये छोटे-छोटे उपाय अपनाएं।
लाल रंग आपकी किस्मत के ताला खो सकता है। जाने इन छोटे-छोटे उपायों से। भगवान को खुश करने के लिए पूजा कक्ष में लाल रंग का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करें।जहां आप बटुआ रखते हों, उस स्थान को भी लाल व पीले कलर से रंग दें। कुछ ही दिनों में फर्क महसूस होगा। यदि आपको लगता है कि आपसे कोई ईष्र्या करता है, आपके कई दुश्मन हो गए हैं। हमेशा असुरक्षा व भय के माहौल में जी रहे हों, तो मकान की दक्षिण दिशा में से जल के स्थान को हटा दें। इसके साथ ही एक लाल रंग की मोमबत्ती आग्नेय कोण में तथा एक लाल व पीली मोमबत्ती दक्षिण दिशा में नित्यप्रति जलाना शुरू कर दें।
घर में बेटी जवान है, उसकी शादी नहीं हो पा रही है, तो एक उपाय करें- कन्या के पलंग पर पीले रंग की चादर बिछाएं, उस पर कन्या को सोने के लिए कहें। इसके साथ ही बेडरूम की दीवारों पर हल्का रंग करें। ध्यान रहे कि कन्या का शयन कक्ष वायव्य कोण में स्थित होना चाहिए।
नौकरी पाने के लिए भाग्य कोसने के बजाय जब इंटरव्यू देने जाएं, तो जेब में लाल रूमाल या कोई लाल कपड़ा रखें। सम्भव हो, तो शर्ट भी लाल पहनें। आप जितना अधिक लाल रंग का प्रयोग कर सकते हैं, करें। लेकिन यह याद रखें कि लाल रंग भड़कीला ना लगे सौम्य लगे। रात में सोते समय शयन कक्ष में पीले रंग का प्रयोग करें। लाल, पीला व सुनहरा रंग आपके भाग्य में वृद्धि लाता है।
पीला रंग सफलता का सूचक होता है। पीला रंग भाग्य में वृद्धि लाता है। कन्या की शादी में पीले रंग का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग किया जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि कन्या ससुराल में सुखी रहेगी।
विवाह निर्विघ्न होने की शुभ सूचना वस्तुत: हल्दी से सम्पन्न होती है, क्योंकि हल्दी को गणेशजी की उपस्थिति माना जाता है।
हल्दी की गांठों में कभी-कभी गणेश जी की मूर्ति का चित्र मिलता है। लक्ष्मी अन्नपूर्णा भी हरिद्रा कहलाती हैं। श्री सूक्त में वर्णन किया गया है कि लक्ष्मी जी पीत वस्त्र धारण किए है। आप समझ सकते हैं कि हल्दी का कितना महत्व है। इतना ही नहीं, बृहस्पति का रंग भी पीत वर्ण का है, तभी तो पीत रंग का पुखराज पहनकर बृहस्पति की कृपा प्राप्त होती है।