
सोमवार को सचिवालय में आईटी विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने निर्देश दिये कि सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं की पहुंच गांवों तक सुनिश्चित हो तथा शासकीय कार्यकलापों, कार्यक्रमों व योजनाओं के साथ ही जन सुविधाओं से सम्बन्धित विभिन्न विषयों को आईटी से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी ग्राम पंचायतों तक आईटी की पहुंच सुनिश्चित होने से ग्रामीण क्षेत्रों तक योजनाओं व सुविधाओं का लाभ सुलभ हो सकेगा तथा शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार के साधन भी उपलब्ध हो सकेंगे। इससे स्मार्ट विलेज की कल्पना भी साकार हो सकेगी तथा ग्रामीण क्षेत्रों तक आधुनिक शिक्षा के प्रसार एवं स्वस्थ मनोरंजन की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान दौर सूचना प्रौद्योगिकी का है। अतः इस दिशा में सभी विभागों को प्रभावी पहल करनी होगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि लोगों को आधार कार्ड बनाने में परेशानी न हो इसके लिये जिलाधिकारियों को आधार किट उपलब्ध कराये जाए तथा शासकीय कार्यालयों के माध्यम से भी यह व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने सभी विभागों में आईटी विभाग से समन्वय स्थापित कर योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने को कहा।
बैठक में निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा ने बताया कि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में संचार व्यवस्था हेतु एयरोस्टेट (बैलून) की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए आईआईटी मुम्बई से एमओयू किया गया है। परियोजना का प्रथम ट्रायल अहमदनगर में किया जा चुका है, जबकि दूसरा ट्रायल उत्तराखण्ड में अप्रैल में प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान के अन्तर्गत ई साक्षरता हेतु मार्च 2019 तक पांच लाख छः हजार लोगों को प्रशिक्षण दिये जाने का लक्ष्य रखा गया है। एक लाख पैंतालीस हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। आईटी स्मार्ट विलेज के तहत चमोली जिले के घेस गांव को प्रारम्भिक चरण में आईटी सक्षम बनाया जाना प्रस्तावित है। मार्च 2018 तक घेस गांव में काॅमन सर्विस सेंटर (सी.एस.सी.) प्रारम्भ किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। चमोली जिले के हिमनी तथा घेस गांवों के प्राथमिक विद्यालयों हेतु आधुनिक आॅल इन वन डिवाइस ‘के-यान’ उपलब्ध कराया जा रहा है।