नए साल के शुरुआती पखवाड़े में कैबिनेट विस्तार संभव!

 वरिष्ट पत्रकार अजित सिंह राठी की रिपोर्ट : नए साल के शुरुआती पखवाड़े में कैबिनेट विस्तार संभव
क्षेत्रीय व जातीय संतुलन बनाने पर हो रहा है मंथन
सियासी हक़दारी बराबर होने की उम्मीद में कुमाऊं

राज्य मंत्रिमंडल में रिक्त पड़े दो पदों पर ताजपोशी के लिए मंथन शुरू हो गया है। सियासी सूत्रों की माने तो नए साल के शुरुआती पखवाड़े में ही इस काम को अंजाम दे दिया जायेगा। फ़िलहाल मंत्रिमंडल विस्तार की सहमति तो लगभग बन गयी है, लेकिन क्षेत्रीय व् जातीय संतुलन बनाने की मशक्क्तअभी जारी है। क्योंकि अभी मंत्रिमंडल में गढ़वाल का पलड़ा भारी है और कुमाऊं के विधायको को उम्मीद है कि इस बार उनकी उपेक्षा नहीं होगी। मंत्रिमंडल विस्तार के साथ एकाध मंत्री को प्रमोशन भी मिलने की उम्मीद भी बानी हुई है।
मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत दस सदस्य हैं। दिलचस्प बात यह है कि मुख्यमंत्री के अलावा सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत और धन सिंह रावत चारों ठाकुर बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं और चारो मूलत: पौड़ी जिले के रहने वाले है। भले ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत डोईवाला से विधायक हो लेकिन वह पौड़ी जिले के रहने वाले है। इसके अलावा गढ़वाल से ही सुबोध उनियाल भी कैबिनेट मंत्री है। हरिद्वार से मदन कौशिक भी कैबिनेट में है। इस लिहाज से मुख्यमंत्री समेत कैबिनेट की छह सीट और विधानसभाध्यक्ष गढ़वाल के पास है, जबकि कुमाऊं के पास चार पद हैं जिनमे यशपाल आर्य, प्रकाश पंत, अरविन्द पांडेय कैबिनेट मंत्री और रेखा आर्य राजयमंत्री है। कुल मिलकर मंत्रिमंडल में सीएम समेत चार ठाकुर, कौशिक व पंत, उनियाल व पांडेय चार ब्राह्मण और अनुसूचित जाति से दो यशपाल आर्य और रेखा आर्य मंत्री है। जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग से एक भी मंत्री नहीं है।
इसलिए भाजपा के रणनीतिकार इसी घमासान में उलझे है कि क्या तरकीब निकली जाय कि मंत्रिमंडल जाय और नाराजगी भी ना हो। क्योंकि गढ़वाल के पहाड़ से किसी ब्राह्मण को, हरिद्वार से किसी अन्य पिछड़ा वर्ग के विधायक को और कुमाऊं से किसी ठाकुर विधायक को मंत्रिमंडल में जगह दिए जाने के दबाव पार्टी के भीतर बढ़ता जा रहा है। अब यह संभावित विस्तार मंत्रिमंडल में कितना संतुलन बनाएगा यह तो समय ही बताएगा, लेकिन दावेदारों ने अपनी लॉबिंग शुरू कर दी है। किसके अरमान लुटेंगे और किसकी हसरत पूरी होगी, यह विस्तार के बाद ही समझ में आएगा।

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उत्तराखंड मंत्रिमंडल की ताज़ा तस्वीर

1. सतपाल महाराज :- जनपद पौड़ी की चौबट्टाखाल सीट से विधायक व कांग्रेसी पृष्ठभूमि के सतपाल महाराज वरिष्ठ मंत्री है।

2. प्रकाश पंत :- पिथौरागढ़ सदर सीट से विधायक प्रकाश पंत पूर्व की भाजपा सरकार मंत्री और उससे पहले विधानसभाध्यक्ष रह चुके है।

3. हरक सिंह रावत :- कांग्रेसी पृष्ठभूमि के हरक सिंह रावत अविभाजित उत्तर प्रदेश में मंत्री रहे है। इस समय वह पौड़ी जिले की कोटद्वार सीट से विधायक है।

4. मदन कौशिक :- खांटी संघी और हरिद्वार से चौथी बार रिकॉर्ड मतों से विधायक बने कौशिक की गिनती भाजपा के वरिष्ठ नेताओ में होती है और वह पूर्व की सरकार में भी कैबिनेट मंत्री रहे है।

5. यशपाल आर्य :- आर्य की भी कांग्रेसी पृष्ठभूमि है, नारायण दत्त तिवारी सरकार में स्पीकर रहे और पिछली कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे है।

6. अरविन्द पांडेय :- उधमसिंह नगर से चौथी बार विधायक पांडेय कैबिनेट मंत्री है और उनकी गिनती दबंग राजनेताओ में होती है।

7. सुबोध उनियाल :- कांग्रेसी पृष्ठभूमि के सुबोध उनियाल टिहरी जनपद की नरेंद्र नगर सीट से विधायक है और उन्हें विजय बहुगुणा का करीबी माना जाता है।

राजयमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

8. रेखा आर्य :- कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा। फ़िलहाल भाजपा से अल्मोड़ा की सोमेश्वर सीट से विधायक है और सरकार में राजयमंत्री स्वतंत्र प्रभार है।

9. धनसिंह रावत :- पौड़ी जिले की श्रीनगर सीट से पहली बार विधायक चुने गए धन सिंह राज्य सरकार में राजयमंत्री स्वतंत्र प्रभार है।

वरिष्ट पत्रकार अजित सिंह राठी की कलम से……………………..

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