बाबा नीम करोली महाराज की स्थली कैंची धाम लोगों की आस्था का मुख्य केद्र रहा है। जहां देश-विदेश के श्रद्धालु साल भर आते रहते हैं। वहीं कैंची धाम की सिद्धि मां ने गुरुवार को 92 वर्ष में शरीर त्याग दिया है। सिद्धि मां के निधन से देश-दुनियां में बाबा के लाखों अनुयायी शोक में डूब गए हैं। परिजनों आज सिद्धि मां का विधि विधान से अंतिम संस्कार हरिद्वार के कनखल में किया। कैंची धाम में कई दशकों से सेवा कर रही सिद्धि मां ने पिछली 3 दिसंबर को भक्तों को अंतिम दर्शन दिए थे। इसके बाद वह नैनीताल स्थित तीर्थम आश्रम पहुंचीं। गुरुवार सुबह करीब साढ़े सात बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग भी बाबा के भक्त दोस्तों के दिलों के तार मिलाने वाले फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग खुद ही उत्तराखंड के नैनीताल के जुड़े हुए है। और दुनिया को अपनी मुट़्ठी में करने वाले फेसबुक के संस्थापक और सीईओ मार्क जुकरबर्ग की जिंदगी में एक समय आया जब वे फेसबुक को बेचने वाले थे। लेकिन इन बाबा के आशीर्वाद ने उन्हें आज अरबों का मालिक बना दिया। जानकारों के मुताबिक मार्क जुकरबर्ग नैनीताल जिले के कैंची धाम स्थित बाबा नीम करोरी महाराज के न केवल भक्त हैं, बल्कि कैंची धाम से मिली प्रेरणा के बाद ही फेसबुक तरक्की की इस मंजिल तक पहुंचा है। सात-आठ साल पहले स्वयं मार्क जुकरबर्ग ने कैंची धाम पहुंचकर आशीर्वाद प्राप्त किया था।
देश दुनियां में हैं सेकड़ो आश्रम-
बाबा नीम करोली महाराज के देश-दुनिया में 108 आश्रम हैं। इन आश्रमों में सबसे बड़ा कैंची धाम तथा अमेरिका के न्यू मैक्सिको सिटी स्थित टाउस आश्रम है। बाबा के भक्त भगवान सिंह माजिला बताते हैं कि सिद्धि मां ने ही 1980 में ऋषिकेश में आश्रम बनवाया था।