

हिन्दू धर्म में तुलसी का पौधा अत्यंत पवित्र पौधा माना जाता है। तुलसी का पौधा घर में लगानें से वातावरण पवित्र हो जाता है। ऐसा कहा जाता है कि तुलसी के पत्ते को रोजाना जल देने से वैकुण्ठ की प्राप्ति होती है। यही नही इसके पत्ते दवाई के रूप में भी प्रयोग किया जाते हैं.
तुलसी के पौधे को छूने मात्र से ही इंसान पवित्र हो जाता है। जहाँ तुलसी का पौधा होता है, वहाँ भगवान का निवास होता है। तुलसी के पौधे के बारे में कहा जाता है कि इसे घर के आंगन मे लगाने से घर की नकारात्मकता दूर हो जाती है और सकारात्मकता का वास होता है।

कई लोग तुलसी का पौधा अपने घर में तो लगाते हैं, लेकिन उसकी अच्छे से देखभाल नहीं कर पते हैं। समय-समय पर उसे जल नहीं देते हैं, जिस वजह से तुलसी का पौधा सूखने लगता है। तुलसी की पत्तियाँ काली पड़ने लगती हैं। तुलसी के पौधे से जुड़े कुछ ख़ास नियम हैं, जिनका पालन हर व्यक्ति को करना चाहिए।

तुलसी के पौधे के नियम इस प्रकार हैं-
- कहा जाता है कि भूलकर भी तुलसी के पौधे को रविवार, एकादशी और सूर्य या चन्द्र ग्रहण के दिन नहीं छूना चाहिए। इसके अलावा सूर्यास्त के बाद भी तुलसी के पत्ते को नहीं तोड़ना चाहिए।
- तुलसी के पौधे के निचे हर शाम घी का दीपक जलाना चाहिए।
- – अगर किन्ही वजहों से तुलसी का पौधा सूख जाता है तो उसे फेंकने की बजाय नदी में प्रवाहित कर दें और उस जगह दूसरा पौधा लगा दें। घर में सूखे हुए तुलसी के पौधे को रखना अशुभ माना जाता है। तुलसी के पौधे के सूखने पर घर में कोई बड़ा संकट आ सकता है।
- धर्मशास्त्रों के अननुसार तुलसी के पत्ते को भगवान गणेश और भगवान शिव को अर्पित नहीं करना चाहिए।
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तुलसी के पत्ते को कभी भी चबाना नहीं चाहिए, एक ही बार में पूरा निगल जाना चाहिए।



