
नई दिल्ली के प्रगति मैदान मे चल रहे 37वें भारत अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में उत्तराखण्ड दिवस समारोह के अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक सन्ध्या में बतौर मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने दीप प्रज्वलित कर शुभारम्भ किया। इस वर्ष व्यापार मेले की थीम “स्टार्ट-अप इण्डिया स्टैंड-अप इण्डिया” रखी गयी है।
थीम के अनुसार उत्तराखण्ड में हो रहे सतत् विकास का प्रस्तुतीकरण, राज्य सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों की जानकारी के साथ-साथ प्रदेश के सूक्ष्म, लघु, मध्यम एवं बृहद उद्योगों, हथकरघा एवं हस्तशिल्प, राज्य के कृषि एवं उद्यान क्षेत्र के उत्पादों को प्रदर्शित किया गया हैं। वंही पर्यटन विभाग के स्टाॅल का मुख्य आकर्षण केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति है। पर्यटन विभाग के स्टाॅल में उत्तराखण्ड शीतकालीन चार-धाम यात्रा, साहसिक पर्यटन की जानकारी उपलब्ध करायी जा रही है।
मुख्य अतिथि सुबोध उनियाल ने अपने संबोधन में सर्वप्रथम प्रवासी उत्तराखण्डियों को उत्तराखण्ड दिवस की बधाई देते हुयें कहा कि राज्य ने अपनी स्थापना के 17 वर्ष पूरे किये हैं और इन 17 वर्षो में उत्तराखण्ड में विकास के नये सोपानों को छुआ है। राज्य ने शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन बागवानी आदि के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य किये गये है। देश में हम सबसे तेजी से आर्थिक प्रगति कर रहे राज्यों की श्रेणी में सम्मिलित हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा किसानों की आय अगले 2 वर्ष में दुगनी करने का लक्ष्य रखा गया है व राज्य सरकार द्वारा किसानों को 2 फीसदी ब्याज पर 1 लाख रूपये तक का कर्ज दिया जा रहा है। इसके आलावा औद्यानिकी विकास को बढ़ावा देने के लिये “एक ग्राम-एक फाॅर्म” विकसित करने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन, बागवानी आदि में अपार संभावना है इसके तहत पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये 13 जिलों में13 नये पर्यटन स्थल विकसित किये जा रहे है। उन्होनें बताया कि इस वर्ष चार-धाम यात्रा में लगभग 23 लाख यात्रियों ने दर्शन किये। केन्द्र के आॅलवेदर प्रोजेक्ट्स का कार्य तेजी से हो रहा है जिससे राज्य के नौजवानों को रोजगार के अवसर मिलेगें एवं राज्य में पलायन को रोकने मेें सहायक होगी। राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार पर जीरो टाॅलरेन्स की नीति अपनाई है। श्री उनियाल ने प्रवासी उत्तराखण्डियों से आहवान किया कि आप अपने कार्य क्षेत्रों में आगे बढें लेकिन अपनी जड़ों से जुडे रह कर उत्तराखण्ड के राजदूत के रूप में कार्य करें। उनियाल ने प्रवासी उत्तराखण्डियों से अनुरोध किया कि आपके कार्य क्षेत्रों के अनुभव का लाभ राज्य के नौजवानों को प्रेरणा दे सकता है।