सरकारी नौकरी में दिनभर की दौड़-भाग और कामकाज के दबाव में जंहा परिवार के लिए थोड़ा समय निकालना बहुत मुश्किल होता है। ऐसे में सरकारी नौकरी करने वाला पुस्तक लिखने के लिए कुछ वक्त निकाल सके, ऐसा बहुत कम होता है। लेकिन देहरादून के जीएसटी अधिकारी तापस चक्रवर्ती ने ऐसा कर दिखाया है। तापस चक्रवर्ती की लिखी “रुक जाना नहीं” पुस्तक का राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार के लिए चयनित होना प्रदेश के लिए गौरव की बात है। इसके लिए उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा सम्मानित भी किया है।
केंद्रीय कर्मचारियों को मौलिक लेखन क्षेत्र में प्रोत्साहन के लिए देहरादून के जीएसटी कर अधीक्षक तापस चक्रवर्ती को उनकी पुस्तक “रुक जाना नहीं” के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सम्मानित किया है 14 सितंबर को नई दिल्ली में विज्ञानं भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तापस चक्रवर्ती को राजभाषा पुरस्कार से नवाजा है कार्यक्रम में ग्रह मंत्री राजनाथ सिंह और ग्रह राज्य मंत्री किरेन रीजीजू भी मौजूद रहे।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों हेतु राजभाषा गौरव पुरस्कार योजना के अंतर्गत वर्ष 2016 के लिए हिंदी मौलिक पुरस्कार लेखन के लिए तापस चक्रवर्ती को उनकी पुस्तक “रुक जाना नहीं” प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किया गया है। जीएसटी अधिकारी तापस चक्रवर्ती को 22 नवम्बर एक और अवार्ड मिलने जा रहा है, तापस के आर्टिकल “बद्री-केदार: भगवान केदार पर दस्तक” को नगर राजभाषा समिति द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
राजभाषा गौरव पुरस्कार हिंदी दिवस पर उन लोगों को दिया जाता है। हिन्दी भाषा में भारत के किसी भी नागरिक द्वारा ज्ञान-विज्ञान के मौलिक पुस्तक लिखने पर और केन्द्र सरकार के कर्मियों (सेवानिवृत्त सहित) द्वारा पुस्तक या उत्कृष्ट लेख लिखने हेतु मिलता है। यह पुरस्कार तकनीकी-विज्ञान से जुड़े हिन्दी भाषा के पुस्तक लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए दिया जाता है। इसमें उन पुस्तकों को लिया जाता है, जो प्रथम बार प्रकाशित हुई हो। किसी अन्य पुस्तक का अनुवाद न हो।