बुधवार को देहरादून के सचिवालय में कैबिनेट बैठक में कई महत्तपूर्ण फैसले लिए गए। बैठक में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित कई बड़े आला अधिकारी मौजूद रहे. कैबिनेट ब्रीफिंग- शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक द्वारा की गई। बैठक के दौरान कुल 15 बिंदु सामने आये जिनमें से 13 बिंदुओं पर फैसला लिया गया।
त्रिवेंद्र सरकार के अहम फैसले-
1- देहरादून मोहकमपुर में पेट्रोल पम्प मालिक को जमीन में शिथिलता दी। पेट्रोल पंप मालिक के पास एक तरफ जमीन ज्यादा थी दूसरी तरफ कम । मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र का मामला।
2-ब्रिज,रोपवे,टनल एन्ड अदर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट कॉर्पोरेशन लि0 के ढांचे का पुनर्गठन की अनुमति।
3- सिचाई विभाग-मंत्रिमंडल द्वारा 21 अगस्त 2012 को संपन्न हुई मंत्रिमंडल की बैठक में उत्तराखंड बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण अधिनियम, 2012 विधेयक को आध्यदेश को विधानसभा के समक्ष पुररूस्थापित किये जाने की अनुमति दी।
4-औधोगिक विकास विभाग-राज्य के उपखनिजो के दोहन में खड़िया को अलग किया। ई टेंडरिंग की जगह मैनवलि होगी नीलामी पूर्ववत व्यवस्था के तरह ही खड़िया का दोहन होगा।
5-विधायी विभाग- उत्तराखंड की चतुर्थ विधान सभा का वर्ष 2017 की तृतीय सत्र भराड़ीसैण में 7 से 13 दिसंबर में होगा।
6-आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग- मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड राज्य पुनर्वास नीति 2011 में आपदा प्रभावित परिवारो के विस्थापनध्पुनर्वास में संशोधन करते हुए भवन निर्माण के लिए दी जानी वाली राशि 3 लाख से बढ़ाकर 4 लाख किया।
7-वित्त विभाग- सीजन वर्ष 2016-17 हेतु लागू ईट भट्टा समाधान योजना में से अंतिम 3 माह के समाधान शुल्क को माफ करने वाली एजेंडे में रियात देते हुए कैबिनेट ने 2016-17 के लिए निर्धारित समाधान राशि को 25 प्रतिशत कम किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया।
8-सिचाई विभाग- उत्तराखंड बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण अधिनियम, 2012 के प्रविधानानुसार जनपद हरिद्वार के बाढ़ मैदान परिक्षेत्र की अधिसूचना जारी । अब हरिद्वार के लक्सर तक 50 किमी0 के बीच सभी निर्माण की मैपिंग होगी।
9-शहरी विकास विभाग-ऋषिकेश नगर पालिका परिषद का उच्चीकृत करते हुए नगर निगम किया गया।
10-शहरी विकास- नगर पालिका परिषद कोटद्वार को उच्चीकृत करते हुए नगर निगम किया गया।
11- पर्यटन विभाग- अब जिंदल कंपनी केदारपुरी में निर्माण कार्य करेगी। सरकार और जिंदल कंपनी के साथ डव्न् होगा।
12-ग्राम विकास विभाग-विधायक निधि से सिंगल प्रोजक्ट कास्ट की सीमा 25 लाख , वर्क ऑर्डर पर कराये जाने वाले कार्यो की सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया गया।
13-राज्य के पर्वतीय जनपदों में जनपद स्तरीय विकास प्राधिकरण संशोधन के साथ अनुमोदित ।