नौकरी का झांसा देकर करोडो की ठगी.गिरोह के सरगना समेत 3 अरेस्ट

बड़ी खबर : एसटीएफ देहरादून ने कॉल सेंटर की आड़ में नौकरी लगवाने के नाम पर बेरोजगारों से करोडो की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है।  एसटीएफ ने गिरोह के मास्टर माइंड समेत तीन शातिरो को गिरफ्तार कर करीब 50 लाख रूपए की ठगी का खुलासा किया है। एसटीएफ की गिरफ्त में आए आरोपियों ने खुलासा है कि उन्होंने नौकरी दिलाने के नाम पर देशभर के हजारो बेरोजगारों को अपना शिकार बनाया है।
एसएसपी, एसटीएफ रिधिम अग्रवाल के मुताबिक सूचना मिल रही थी कि कुछ लोग उत्तराखण्ड में नौकरी लगाने के नाम पर बेरोजगार युवको को फर्जी काॉल सेन्टर के माध्यम से काॅल कर नौकरी लगाने का झासा देकर फीस के नाम पर अवैध रूप से धोखाधडी कर धन अर्जित कर रहे है। इस सूचना पर एसएसपी, एसटीएफ ने तुरन्त कार्यवाही करते हुए एक टीम गठित की गई। टीम सदस्यों द्वारा मुखबिरों व सर्विलांस के माध्यम से सूचनायें एकत्रित करना शुरू किया व पीडित व्यक्तियों से सम्पर्क कर उनके पास आये नम्बरों व उनके द्वारा जिन एकाउन्टों में धन डाला गया उनकी जानकारी एकत्रित की गई, तो ज्ञात हुआ कि अभियुक्तों द्वारा जो बैंक एकाउन्ट खोले गये थे वो सभी फेक आई0डी0 व कागजात के आधार पर खोले गये थे व इनके द्वारा उपयोग किये गये फोन नम्बर भी फेक आई0डी0 से इस्तेमाल किये जा रहे थे।
एसटीएफ की टीम को जाँच में पता चला कि इन्द्रपुर से बद्रीपुर रोड पर कुछ लोग दुकान किराये पर ले कर फर्जी काॉल सेन्टर के माध्यम से लोगों को फोन कर नौकरी का झासा देकर ठगी कर रहे है। इस सूचना पर एसटीएफ की टीम ने बद्रीपुर इलाके में छापामार कर गिरोह का सरगना दीपक परिदार , आदेश सिंह , पंकज कपूर को गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ पर गिरोह के सरगना दीपक परिदार ने बताया कि उसके द्वारा विगत डेढ दो वर्षो से नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों को फोन द्वारा नौकरी का लालच देकर काॅल करके ठगी की जा रही थी। इनके द्वारा टाइम्स जाॅब डाट काॅम व मोन्स्टर डाट काम में जाब पोर्टल से लोगों द्वारा जो रिज्यूम भरा जाता था उससे डाटा हैक करके डाटा निकाल लेते थे। फिर इनके द्वारा उस डाटा से बाहरी दूर के राज्यों के व्यक्तियों को चिन्हित किया जाता था और उनके प्रोफाईल के अनुसार उनके यहा काम करने वाली लडकियों को फोन के माध्यम से नौकरी लगाने का झासा देकर रजिस्टेªशन के नाम पर रु01900/- मांगे जाते थे तथा कुछ दिनों पश्चात वेरिफिकेशन के नाम पर रु0 5600/- मांगे जाते थे व इसके पश्चात रू0 10000/- एकाउन्ट खोलने के नाम से मांगे जाते थे।
 आरोपियों ने एक वर्ष में हजारों लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों रूपयों की उगाही की जा चुकी है। पूछताछ के अनुसार लगभग 40-50 लाख की ठगी का मामला सामने आया है, ठगी यह धनराशि और भी अधिक हो सकती है। इस सम्बन्ध में इनके द्वारा फर्जी तरीके से खोले गये विभिन्न बैंको के एकाउन्टों की जानकारी की जा रही है व इनके द्वारा जो प्रयुक्त फेक आई0डी0 से प्राप्त सिमों के सम्बन्ध में भी जानकारी की जा रही है। पकडे गये अभियुक्त शातिर किस्म के है जो निरन्तर फर्जी आई0डी0 पर सिम बदलते रहते है तथा ठिकाना भी बदलते रहते है। इनके द्वारा अब तक कई हजार लोगों को नौकरी लगाने के नाम पर ठगा गया है।

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