
बड़ी खबर : त्योहारों में अक्सर सब्जियों के दामों के बढ़ोत्तरी को लेकर लोग सरकार को हमेशा कोसा करते है जबकि इसकी असली वजह कालाबाजारी होती है जी हाँ हम बात कर रहे है देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी नासिक की। शायद ही यह खबर आपको किसी टीवी चैनल ने दिखाई हो। लेकिन हम आपको बताते है की दशहरा और दिवाली के फेस्टिवल सीजन में प्याज के दामों में आग लगाने की बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। बड़ी मात्रा में इसकी जमाखोरी करके बाजार में इसकी कीमत 100 रुपये प्रति किलो के पार ले जाने का टारगेट था
छापेमारी के बाद गिरे प्याज के दाम
महाराष्ट्र के नासिक में गुरुवार को 7 बड़े कारोबारियों पर छापे मारे गए। इनकम टैक्स की इस छापेमारी के बाद भावों में सट्टेबाजी की ये सच्चाई सामने आई है। इसके कारण महाराष्ट्र की मंडियों में एक दिन के अंदर ही प्याज का थोक भाव 35 फीसदी तक नीचे गिर गया है। ये छापे नासिक की लासलगांव एपीएमसी में मारे गए थे। छापों से पहले मंडी में प्याज का रेट 1400 रुपये प्रति क्विंटल पर चल रहा था, लेकिन गुरुवार 14 सितंबर की शाम तक भाव 900 रुपये क्विंटल तक गिर गया।
बड़ी साजिस का फर्दाफास
नासिक जिले की लासलगांव मंडी के 7 बड़े प्याज कारोबारियों के कुल 25 ठिकानों पर छापेमारी हुई थी। ये देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी है। पुणे रीजन के इनकम टैक्स अधिकारियों की टीम की छापेमारी की कार्रवाई लगातार जारी है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के एक अधिकारी के मुताबिक उन्हें सूचना मिली थी कि कारोबारी बहुत कम दाम पर किसानों से बड़ी मात्रा में प्याज खरीद रहे हैं। इनमें देश का सबसे बड़ा प्याज एक्सपोर्टर कारोबारी भी शामिल था। इनपुट्स के मुताबिक किसी सियासी शह पर ये लोग प्याज के दाम बढ़ाने की तैयारी मे थे। इनका इरादा था कि दशहरे से लेकर दिवाली तक दाम इतना बढ़ा दिया जाए कि पूरे देश में हंगामा मच जाए। समझा जा सकता है कि कौन सी पार्टियां इस साजिश में शामिल होंगी।