

नीम करोली बाबा की महिमा न्यारी है। भक्तजनों की माने तो बाबा की कृपा से सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। यही कारण है कि बाबा के बनाए सारे मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है। नीम करोली धाम को बनाने के संबंध में कई रोचक कथायें प्रचलित हैं। बताया जाता है कि 1962 में जब बाबा ने यहां की जमीन पर अपने कदम रखे थे तो जनमानस को अपने चमत्कारों से आश्चर्यचकित कर दिया था। एक कथा के अनुसार के अनुसार 15 जून को आयोजित, विशाल भंडारे के दौरान घी कम पड़ गया था। तब बाबा के आदेश पर पास की नदी का पानी कनस्तरों में भरकर प्रसाद बनाया जाने लगा। प्रसाद में डालते ही पानी अपने आप आप घी में बदल गया। इस चमत्कार से भक्त बाबा के आगे जन नतमस्तक हो गए।
कैंची धाम हनुमान मंदिर ही है जहां एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स ने फेसबुक प्रमुख मार्क जुकरबर्ग को जाने के लिए कहा था। मंदिर को आज नीम करोली बाबा का कैंची धाम नाम से भी जाना जाता है। मंदिर के कुछ ट्रस्टी लोग बताते हैं कि ” गूगल के पूर्व डायरेक्टर लैरी ब्रिलियंट ने आश्रम में फ़ोन कर यह जानकारी दी थी कि मार्क जुकरबर्ग नाम का एक लड़का कैंची धाम आश्रम में आ रहा है और वो कुछ दिन यहाँ रुकेगा।” और मार्क जब यहाँ आये थे तो उनके पास मात्र एक पुस्तक थी। जुकरबर्ग आए तो एक दिन के लिए थे, लेकिन मौसम खराब हो जाने के कारण वह यहाँ दो दिन रुके थे। 27 सितंबर को सैन होसे में मोदी एप्पल के वर्तमान सीईओ टिम कुक से मिले थे। कुक ने मोदी जी को बताया था कि, “हमारे फाउंडर स्टीव जॉब्स इन्सपिरेशन के लिए भारत गए थे। जॉब्स 1974 में आध्यात्मिक ज्ञान की खोज में अपने कुछ दोस्तों के साथ नीम करौली बाबा से मिलने भारत आए थे। तब तक बाबा का निधन हो चुका था।