कुछ पेट्रोल पंपों पर घटतौली भी होती है और गुणवत्ता से भी खूब छेड़छाड़ होती है। पेट्रोल में जहां तरल पदार्थ साल्वेट की मिलावट की जाती है तो डीजल में मुख्यत: केरोसिन मिलाया जाता है।
ऐसे होती है घटतोली
सेल्समैन बिना मीटर में फीड किए पेट्रोल भरना शुरू कर देता है और नोजल को टंकी में डालकर बार-बार कट करता है। इससे एक बार में करीब 10 एमएल पेट्रोल पाइप में रह जाता है और एक लीटर में 50 एमएल तक कटौती हो जाती है।
पेट्रोल भरवाते समय यदि उपभोक्ता का ध्यान चूक गया तो इसका फायदा उठाकर सेल्समैन नोजल को बिना तेल पूरा हुए मशीन पर रख देता है और मीटर जीरो कर देता है।
कई बार सेल्समैन मीटर को शून्य किए बगैर ही तेल भरना शुरू कर देता है। ऐसे में उपभोक्ता को मोटी चपत लग जाती है।