विधानसभा चुनावों में अपमानजनक हार के बाद उत्तराखंड में संगठन को सुधारने के लिए संघर्ष करते हुए, कांग्रेस ने गुरुवार को वरिष्ठ विधायक प्रीतम सिंह उत्तराखंड कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया ।
वैसे, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को पार्टी आलाकमान ने ऐसा झटका दे दिया जिसके बारे में उनको भनक भी नहीं पाई। उत्तराखंड कांग्रेस में इतना बड़ा फेरबदल होने वाला था और दिल्ली में कांग्रेस पार्टी आलाकमान ने किशोर को संकेत देने की ज़रूरत भी नहीं समझी.
गुरुवार को बकायदा पत्रकारवार्ता कर बतौर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने पार्टी के एजेंडे को सामने रखा, इसके कुछ देर बाद ही हाईकमान ने प्रेस कांफ्रेंस करके बताया की अब किशोर उपाध्याय उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष नहीं होंगे ।
उत्तराखंड विधान सभा में कांग्रेस की शर्मनाक हार के बाद से ही प्रदेश अध्यक्ष को हटाने को लेकर चर्चाये चल रही थी लेकिन इस बात को अब लगभग पौने दो माह बाद हकीकत में बदल दिया गया.
दिवंगत कांग्रेस के नेता गुलाब सिंह के बेटे प्रीतम सिंह पूर्व में भी प्रदेश कांग्रेस प्रमुख के लिए दावेदार रहे थे।
गढ़वाल के राजपूत, प्रीतम सिंह, देहरादून के चकराता विधानसभा सीट से चार बार विधायक हैं और उन्हें एक अनुभवी नेता माना जाता है।
पार्टी आलाकमान ने प्रीतम सिंह को उत्तराखंड कांग्रेस की ज़िम्मेदारी दी हैं ।
इस फैसले पर प्रीतम सिंह बोले
मैं पार्टी हाईकमान के विश्वास पर खरा उतरने का प्रयास करूँगा ।
70 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 11 विधायक हैं। सिंह, जो चकराता में थे, शुक्रवार को कार्यभार संभालेंगे।
प्रीतम सिंह के अलावा कांग्रेस ने हरिद्वार जिले के काजी निजामुद्दीन को एआईसीसी सचिव नियुक्त किया है। काजी राज्य से कांग्रेस का युवा अल्पसंख्यक चेहरा है।