हाल ही में गंगा को इंसान का दर्जा दिया गया है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि देश की किसी अदालत ने गंगा से जवाब मांगा हो।
नैनीताल हाइकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में पहली बार गंगा नदी से जवाब मांगा है, जी हाँ यह वही गंगा नदी है जिसको धरती पर लाने के लिए भागीरथ ने हजारो साल तपस्या की थी, यह वही गंगा नदी है जिसकी धारा का प्रवाह कम करने के लिए भगवान शिव ने इन्हें अपनी जटाओ में लिया था लेकिन अब कलयुग ने कोर्ट के फैसले के बाद गंगा एक इंसान है ।
कोर्ट ने गंगा से ये जवाब ऋषिकेश में बन रहे ट्रंचिंग ग्राउंड के सिलसिले में मांगा है। नैनीताल हाइकोर्ट ने राज्य सरकार और केंद्रीय पर्यावरण बोर्ड और ऋषिकेश नगर पालिका और पर्यावरण, से भी इस मसले पर जवाब मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 8 मई को तय की गई है। अब देखना यह होगा की माँ गंगा स्वयं जवाब देंगे या उनका वकील जवाब देंगे.
बता दे कि ऋषिकेश में बन रहे ट्रंचिंग ग्राउंड को लेकर सवाल उठ रहे थे। पर्यावरण के लिहाज से इसे गंगा प्रदूषण को बढ़ावा दे सकता है.