मुंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को महाराष्ट्र के मालेगांव में सितंबर 2008 में हुए विस्फोट की साजिश रचने कीआरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को जमानत दे दी, इस विस्फोट में छह लोग मारे गए थे। हालांकि, अदालत ने दूसरे प्रमुख आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित की जमानत को खारिज कर दिया।
साध्वी प्रज्ञासिंह ठाकुर द्वारा दायर की गई अपील की अनुमति देते हुए कोर्ट ने कहा कि आवेदक (साध्वी) को 5 लाख रुपये की जमानत पर रिहा करने के निर्देश दिए जाते हैं। प्रसाद पुरोहित द्वारा दायर याचिका खारिज की जाती है, “न्यायमूर्ति रंजीत मोरे की खंडपीठ ने कहा अदालत ने साध्वी प्रज्ञा को अपने पासपोर्ट को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के पास जमा करने के निर्देश देये।
अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ न करें और एनआईए न्यायालय को जब आवश्यक हो, रिपोर्ट करें। न्यायमूर्ति मोरे ने कहा, “हमने अपने आदेश में कहा है कि पहली नजर में साध्वी के खिलाफ कोई मामला सामने नहीं आया है।”
न्यायमूर्ति रंजीत मोरे और शालिनी जोशी की हाई कोर्ट की बेंच ने फरवरी में एक लंबी सुनवाई पूरी की थी और न्याय के फैसले के लिए उनकी अपील सुरक्षित राखी थी। साध्वी और पुरोहित दोनों ने अलग-अलग अपील दायर की थी। पुरोहित की याचिका पर सुनवाई 17 फरवरी को समाप्त हुई, जबकि साध्वी ने 20 फरवरी को।