इस बार अमावस्या और नवरात्र एक ही दिन पड़ रहे हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं में भ्रम है कि वह सुबह अमावस्या के पितृ कार्य करें या फिर नवरात्र की कलश स्थापना। पंडितों के अनुसार करीब 20-22 साल के बाद ऐसा संयोग पड़ा है जब तिथियों में इस तरह का फेर देखा जा रहा है।

पंचांगों के अनुसार 28 मार्च को सुबह 8:27 बजे से चैत्र अमावस्या समाप्त हो रही है। वहीं चैत्र शुक्ल प्रतिप्रदा तिथि इसी दिन 8:28 बजे से शुरू हो रही है, जो अगले दिन यानी 29 मार्च को सुबह 6:25 बजे समाप्त हो जाएगी।

शहर में बड़ी संख्या में लोग अमावस्या को पितरों के लिए दान पुण्य करते हैं और गाय को रोटी देते हैं, जबकि नवरात्र पर कलश स्थापना होती है। नोएडा सेक्टर-19 स्थित सनातन धर्म मंदिर के पंडित विरेंद्र का कहना है कि प्रतिपदा 28 मार्च को ही है। इसमें भ्रमित होने की जरूरत नहीं है। करीब 20-22 साल बाद तिथियों की ऐसी चाल बनी है।

अमावस्या इस दिन सुबह साढ़े आठ बजे तक है। इसके बाद नियमानुसार कलश स्थापना करें। अमावस्या के पितृ कार्य 27 मार्च को दोपहर में किए जा सकते हैं। जो लोग सुबह पितृ कार्य करते हैं वह आठ बजे से पहले इसे कर लें और फिर स्नान कर कलश स्थापना करें।

सेक्टर-56 के लक्ष्मी नारायण मंदिर के पंडित सतीश झा ने बताया कि कलश स्थापना 28 मार्च को ही है। 28 मार्च को सुबह प्रतिप्रदा नहीं रहेगी। 8:30 बजे के बाद नवरात्र की कलश स्थापना करें और विधि के साथ पूजा करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here