नई दिल्ली:अपनी तीखी प्रतिक्रियाओं से विवादों में रहने वाले सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के सुर आज कुछ दबे है। कारण जो भी हो पर आजम ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए रेप पीड़िता के साथ संवेदनाए व्यक्त की।
हलफनामे में उन्होंने कहा कि मैं मंत्री के तौर पर और निजी तौर पर उनकी मदद करने के लिए तत्पर हूं. मैंने कभी भी रेप पीड़ितों पर सवाल नहीं उठाए न ही उनके खिलाफ कुछ बोला. मैं कभी ऐसे घृणित अपराध की शिकार महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाने की सोच भी नहीं सकता. मैं सालों से समाजसेवा में हूं और एक यूनिवर्सिटी भी बनाई है, जो महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम करती है.
मैंने कभी नहीं कहा कि यह राजनितिक साजिश है. मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया. इसके लिए आजम ने सुप्रीम कोर्ट में सीडी भी दी है. मेरा कभी उद्देश्य नहीं रहा कि मैं किसी पीड़ित महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाऊं. मैं रेप पीड़ितों का दर्द समझता हूं. दाखिल अर्जी में सारे आरोप बेबुनियाद हैं. अर्जी को खारिज की जाए.
गौरतलब है कि यूपी के बुलंदशहर में मां- बेटी से गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई हो रही है. पिछली सुनवाई में यूपी के मंत्री आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि उन्होंने यह बयान नहीं दिया था कि गैंगरेप के पीछे राजनीतिक साजिश है.
दरअसल आजम खां ने इस घटना को कथित रूप से राजनीतिक षड्यंत्र बताया था, जिसके बाद गैंगरेप पीड़ित के पिता की अपील पर संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार और राज्य के शहरी विकास मंत्री आजम खान को नोटिस जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान की टिप्पणियों पर यूपी सरकार और आजम खान को नोटिस जारी करते वक्त फटकार लगाते हुए कहा था कि क्या प्रशासन या सरकार के अहम ओहदे पर बैठा व्यक्ति यह कह सकता है कि इस तरह की घटनाएं राजनीतिक साजिश के तहत होती हैं, जबकि घटना से व्यक्ति का कोई लेना-देना ना हो