नई दिल्ली : मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) नसीम जैदी ने आज कहा कि सुरक्षा बलों और राज्यों की कानून-व्यवस्था की मशीनरी की ओर से मुहैया कराई जाने वाली सूचनाओं के आधार पर चुनाव आयोग उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड पंजाब, गोवा और मणिपुर में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की तारीखें तय करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि मौसम और परीक्षा के कार्यक्रमों को ध्यान में रखकर चुनाव की तारीखें तय की जाएंगी।
एक कार्यक्रम के इतर पत्रकारों से बातचीत में जैदी ने कहा, ‘हम सुरक्षा बलों की जरूरतों, मौसम और परीक्षा के कार्यक्रम का आकलन करने की कोशिश कर रहे हैं। इन सभी सूचनाओं पर विचार किया जा रहा है। तभी हम कह पाएंगे कि ये एक चरण में होंगे या कई चरणों में होंगे।’
इस बाबत पूछे गए एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा, ‘जहां तक चुनाव के कार्यक्रम की बात है, आयोग ने अब तक इस पर विचार नहीं किया है।’ उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल अगले साल मई में पूरा हो रहा है, जबकि पंजाब, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड की विधानसभाओं का कार्यकाल मार्च 2017 में पूरा होगा।
उत्तर प्रदेश में एक बार फिर राम मंदिर का मुद्दा गरमाने पर जैदी से सवाल किया गया था कि क्या वह सोचते हैं कि आयोग को ऐसे अधिकार दिए जाने चाहिए जिनसे राजनीतिक पार्टियों को ऐसे राज्यों में बयानबाजी करने से रोका जा सके जहां चुनाव होने वाले हैं और चुनाव की तारीखें तय नहीं की गई हैं। इस मुद्दे पर जवाब देने से कन्नी काटते हुए जैदी ने कहा कि एक बार चुनाव का ऐलान कर दिए जाने के बाद आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है और चुनाव आयोग अक्षरश: इसका पालन सुनिश्चित करेगा।
उन्होंने कहा, ‘चुनाव आयोग ने अतीत में आदर्श आचार संहिता का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया है और भविष्य में भी इसे सुनिश्चित करेगा।’ धनबल के इस्तेमाल को चिंता का विषय करार देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि पिछले चुनावों में यह चिंता का विषय था और आने वाले चुनाव में भी ऐसी सूचनाएं मिली हैं कि धनबल का गलत इस्तेमाल होने की आशंका है।’
जैदी ने कहा, ‘हमने रणनीति बनाई है और इसे ज्यादा प्रभावशाली बनाने की कोशिश में हैं।’ उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पहले ही सरकार को पत्र लिखकर कह चुका है कि वह रिश्वतखोरी को चुनावी अपराध बनाए।