“या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥”
शारदीय नवरात्र एक अक्टूबर से शुरू हो रहे है। इस बार नौ के बजाय दस दिन के नवरात्र है। खास बात ये है कि आठ दिन तक राज, द्विपुष्कर, सिद्धि, सर्वार्थसिद्धी, अमृत आदि योग बन रहे है। अभिजीत मुहूर्त धनु लग्न मे सुबह 11.42 से दोपहर 12.22 तक है, इसी मुहूर्त मे घटस्थापन करना शुभ है।
ऐसे करे घटस्थापन
मिट्टी से वेदी बनाकर उसमे हरियाली के प्रतीक जौ बोएं। इसके बाद सोने, मिट्टी या तांबे के कलश पर स्वास्तिक बनाएं। पूजा गृह के पूर्वोलार भाग मे विधि-विधान के साथ कलश स्थापित करे। श्रीफल, गंगाजल, चंदन, सुपारी पान, पंचमेवा, पंचामृत आदि से शक्ति की आराधना करे।
राशियो के अनुसार ऐसे करे शक्ति की पूजा
मेष-चंदन, लाल पुष्प और सफेद मिष्ठान अर्पण करे।
वृष-पंच मेवा, सुपारी, सफेद चंदन, पुष्प चढ़ाएं।
मिथुन-केला, पुष्प, धूप से पूजा करे।
कर्क-बताशे, चावल, दही अर्पण करे।
सिंह-तांबे के पात्र मे रोली, चंदन, केसर, कपूर के साथ आरती करे।
कन्या-फल, पु्ष्प, गंगाजल मां को अर्पण करे।
तुला-दूध, चावल, चुनरी चढ़ाएं और घी के दिए से आरती करे।
वृषक-लाल, फूल, गुड, चावल और चंदन के साथ पूजा करे।
धनु-हल्दी, केसर, तिल का तेल, पीले फूल अर्पण करे।
मकर-सरसो का तेल का दिया, पुष्प,चावल, कुमकुम और सूजी का हलवा मां को अर्पण करे।
कुंभ- पुष्प, कुमकुम, तेल का दीपक और फल अर्पण करे।
मीन-हल्दी, चावल, पीले फूल और केले के साथ पूजन करे।