नई दिल्ली: नई दिल्ली: भारत ने बीती रात नियंत्रण रेखा के पार स्थित आतंकी शिविरों पर सर्जिकल हमले किए जिनमें आतंकवादियों को भारी नुकसान पहुंचा है और अनेक आतंकवादी मारे गए हैं । सेना द्वारा आतंकवादियों को निशाना बनाने के लिए अचानक की गई इस कार्रवाई के बारे में घोषणा सैन्य अभियान महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह ने आनन-फानन में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में की। संवाददाता सम्मेलन में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप भी मौजूद थे ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्जिकल हमलों के बारे में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सूचित किया । जम्मू कश्मीर के राज्यपाल और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भी सूचना दी गयी।
जनरल सिंह ने कहा कि भारत ने सर्जिकल हमलों के बारे में जानकारी पाकिस्तानी सेना के साथ साझा की। कार्रवाई इस ‘अत्यंत विशिष्ट सूचना’ के बाद की गई कि आतंकवादी नियंत्रण रेखा के पास डेरा डाल रहे हैं । सर्जिकल हमलों की अवधि या यह किस समय किए गए और किस स्थान पर किए गए , इस बारे में जानकारी तत्काल साझा नहीं की गई है । सिंह ने कहा,‘‘भारतीय सेना ने बीती रात नियंत्रण रेखा के पार आतंकी लांच पैडों पर सर्जिकल हमले किए ।’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत किसी भी तरह की स्थिति के लिए तैयार है । जनरल सिंह ने कहा कि आतंकी शिविरों को भारी नुकसान पहुंचा है और अनेक आतंकी मारे गए हैं । फिलहाल आगे और अभियान चलाने की योजना नहीं है ।
सूत्रों ने बताया कि सर्जिकल हमलों में कम से कम दो आतंकी शिविरों पर हमला किया गया । जनरल सिंह ने कहा, ‘हम नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों को सक्रिय रहने की अनुमति नहीं दे सकते।’ उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को मार गिराने के लिए चलाया गया अभियान समाप्त हो गया है तथा ‘फिलहाल आगे किसी और अभियान की योजना नहीं है’ लेकिन साथ में यह भी कहा कि सशस्त्र बल आतंकवादियों को जम्मू कश्मीर या भारत के किसी भी बड़े शहर पर कोई हमला करने की अनुमति नहीं दे सकते । सिंह ने कहा कि हमले ‘अत्यंत विशिष्ट और विश्वसनीय’ खुफिया सूचना मिलने के बाद किए गए कि आतंकवादियों को जम्मू कश्मीर और भारत के कुछ बड़े शहरों में हमले करने के लिए घुसपैठ कराई जा रही है ।
इस हमले की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) की बैठक के तुरंत बाद की गई । बैठक में रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरण जेटली, सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग और सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) सिंह भी मौजूद थे । जनरल सिंह ने कहा कि हाल में भारत में घुसपैठ के 20 प्रयास किए गए । जीपीएस प्रणालियों पर पाकिस्तानी चिह्न थे तथा उनसे अन्य चीजें भी मिलीं । उन्होंने कहा कि पकड़े गए आतंकवादियों में से कुछ लोग पाकिस्तान के रहने वाले थे। उन्हें वहां प्रशिक्षण दिया गया था ।
सिंह ने कहा, ‘हमारे राष्ट्रपति के इस आग्रह के बावजूद कि पाकिस्तान 2004 में की गई अपनी उस प्रतिबद्धता का पालन करे कि वह भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिए अपनी जमीन या क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं होने देगा, घुसपैठ की घटनाओं या हमारे क्षेत्र में आतंकी हरकतों में कोई कमी नहीं आई ।’ उन्होंने आगे कहा, ‘यदि नुकसान सीमित हुआ है तो यह प्राथमिक तौर पर भारतीय सेना के प्रयासों की वजह से है जो कई स्तरीय घुसपैठ रोधी ग्रिड में तैनात हैं और उन स्थानों पर घुसपैठ के ज्यादातर प्रयास विफल कर दिए गए । जारी खतरे के मद्देनजर भारतीय सशस्त्र बल अत्यंत सतर्क हैं ।’
हमले का विवरण साझा करते हुए सिंह ने कहा, ‘हमें कल मिली इस अत्यंत विश्वसनीय और विशिष्ट सूचना के आधार पर कि आतंकवादियों के कुछ दल नियंत्रण रेखा पर आतंकी शिविरों में जम्मू कश्मीर और हमारे देश के अन्य महानगरों में हमले करने के उद्देश्य से एकत्र हुए हैं, भारतीय सेना ने बीती रात इन आतंकी शिविरों को सर्जिकल हमलों से निशाना बनाया ।’ सैन्य अभियान महानिदेशक ने कहा कि अभियान मुख्यत: यह सुनिश्चित करने के लिए थे कि ये आतंकवादी घुसपैठ करने और हमारे देश के नागरिकों के जीवन को नुकसान पहुंचाने के अपने नापाक इरादों में कामयाब न हो सकें।
उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद रोधी इन अभियानों में आतंकवादियों तथा उन्हें मदद पहुंचाने की कोशिश करने वालों को भारी नुकसान पहुंचा है ।’ सिंह ने कहा, ‘‘आतंकवादियों को मार गिराने का अभियान पूरा हो गया है । अभियान को जारी रखने की फिलहाल कोई योजना नहीं है । हालांकि भारतीय सशस्त्र बल किसी भी स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार हैं ।’ डीजीएमओ ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक से बात की और उन्हें भारत की चिंताओं से अवगत कराया तथा बीती रात किए गए सर्जिकल अभियान का ब्योरा साझा किया ।
उन्होंने कहा, ‘यह क्षेत्र में शांति एवं अमन बनाए रखने का भारत का इरादा है, लेकिन हम निश्चित तौर पर नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों को सक्रिय रहने तथा हमारे देश के नागरिकों पर हमलों की अनुमति नहीं दे सकते।’ डीजीएमओ ने कहा, ‘भारत के खिलाफ अपनी जमीन या क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं होने देने की पाकिस्तान द्वारा 2004 में की गई प्रतिबद्धता के अनुरूप हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तानी सेना अपने क्षेत्र से आतंकवाद को उखाड़ फेंकने के नजरिए से हमारा सहयोग करेगी । आपका बहुत..बहुत धन्यवाद ।’