उत्तराखंड में राजनीतिक पार्टियों का रवैया गैरसैण के साथ हमेशा ही गैरों जैसा ही रहा है। आगामी विधानसभा सत्र के लिए एक बार फिर गैरसैंण की याद आयी है। जिसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी है। खैर इन सब बातों में अच्छी बात ये है कि गैरसैण में एक बार फिर चहल पहल शुरू हो जाएगी। टूटी सड़कों की मरम्मत होगी। कुछ इमारतों में भी रंगाई पुताई होगी। सूनी पड़ी सड़कों में सामान भी सजेगा। जब नेता आएगें तो और हूजुम भी तो उमेंड़ेगा ही। राजनेताओं के बहाने ही सही पर कुछ सुविधाएं थोड़े समय के लिए गैरसैणवासियों को भी मिल पाएगी।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सरकार का प्रयास अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में गैरसैंण में विधानसभा सत्र आयोजित कराने का है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 2025 के विकास का रोडमैप तैयार कर रही है। इसके तैयार होते ही इसे विधानसभा के आगामी सत्र में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नए जिले, तहसील और ब्लॉकों के पुनर्गठन की भी कसरत की जा रही है। उन्होंने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की केदारनाथ यात्रा को प्रदेश का गौरव बताते हुए कहा कि इससे चारधाम यात्रा को ताकत मिलेगी और पुनर्निर्माण पैकेज की राह खुलेगी।
बीजापुर स्थित राज्य अतिथि गृह में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सरकार का लक्ष्य वर्ष 2020 तक केदारनाथ को ऐसा तीर्थ स्थल बनाने का है जो देश व दुनियां के तीर्थयात्रियों को आकर्षित करने वाला होगा।
केदारनाथ की यात्रा आस्था और साहस से भरी है। हमारे तीर्थ हमारी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने वाले बनें यह सरकार का प्रयास है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ में त्रिस्तरीय सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति का केदारनाथ आना एक सुखद अहसास है। उन्होंने प्रधानमंत्री को भी आमंत्रित किया है, लेकिन वह नहीं आ पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार बदरीनाथ से सतोपंथ तक की यात्रा कराने जा रही है ताकि लोगों को धार्मिक यात्रा के साथ पर्यटन का नजारा भी देखने को मिले।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आज सवाल जिले बनाने का नहीं है। लोगों का विजन साफ होना चाहिए। तहसीलों पर काफी हद तक समाधान हो चुका है।
उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा थी कि 15 अगस्त तक जिलों की घोषणा हो जाए लेकिन राजनीतिक अस्थिरता की वजह से ऐसा नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि पर्वतीय खेती व शिक्षा पर सरकार का विशेष ध्यान है इस पर विधानसभा में चर्चा की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह विकासखंडों के प्रति गंभीर हैं। कुछ विकासखंड काफी बड़े हो गए हैं। अभी 16 जगह के चित्र उभरकर सामने आ रहे हैं। पौड़ी में तीन विकासखंड काफी बड़े हो गए हैं। उन्होंने कहा कि रिखणीखाल मॉडल विकासखंड के रूप में विकसित हो सकता है।