सौम्या बर्बर हत्याकांड के दोषी की मौत की सजा निरस्त

soumya-rape-murder_650x400_61473934315

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 23 वर्षीय सौम्या से बर्बर बलात्कार और उसकी हत्या करने के दोषी गोविंदाचामी की मौत की सजा को आज निरस्त कर दिया और उसके खिलाफ लगे हत्या के आरोपों को हटाकर उसे सात साल कैद की सजा सुनाई. न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति पीसी पंत और न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने धाराओं..376 (बलात्कार के लिए दंड), 394 (लूटपाट करने में जानबूझकर नुकसान पहुंचाने), 325 (जानबूझकर गंभीर नुकसान पहुंचाने के लिए दंड) के तहत लगे आरोपों को बरकरार रखा.

केरल उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने सौम्या हत्या मामले में तमिलनाडु के विरदनगर से ताल्लुक रखने वाले गोविंदाचामी को फास्ट ट्रैक अदालत द्वारा सुनाई गई मौत की सजा की 17 दिसंबर 2013 को पुष्टि की थी.
अभियोजन के अनुसार, घटना 1 फरवरी 2011 को उस समय हुई जब कोच्चि में एक शॉपिंग मॉल में काम करने वाली सौम्या एर्नाकुलम-शोरनपुर पैसेंजर ट्रेन के महिला डिब्बे में सफर कर रही थी. गोविंदाचामी ने उस पर हमला किया और धीमी गति से चल रही ट्रेन से उसे धक्का दे दिया.

इसने कहा कि हमलावर भी ट्रेन से कूद गया और घायल पड़ी महिला को उठाकर वल्लातोल नगर में रेल पटरी के पास एक जंगल क्षेत्र में ले गया तथा वहां उससे बलात्कार किया. चोटों के चलते 6 फरवरी 2011 को राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल, त्रिशूर में सौम्या की मौत हो गई.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here