शाहबुद्दीन खौफ से दिल्ली उच्चतम न्यायालय पहुंची मृतक पत्रकार की पत्नी

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नई दिल्ली : बिहार के सीवान जिले में हाल ही में मारे गए पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी ने आज उच्चतम न्यायालय का रूख कर इस हत्या कांड की जांच और मुकदमा वहां से दिल्ली स्थानांतरित किए जाने की मांग की। साथ ही, उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया में आई खबरों में उनके पति के दो फरार हत्यारों को हाल ही में रिहा राजद नेता शाहबुद्दीन और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव के साथ दिखाया गया है।

राजद के बाहुबली नेता शाहबुद्दीन की रिहाई का विषय विभिन्न याचिकाओं के जरिए अब शीर्ष न्यायालय पहुंच गया है। दिवंगत पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन ने अधिवक्ता किसलय पांडे के मार्फत याचिका दायर कर सीबीआई को जांच का निर्देश देने की मांग की है जिसके पास मामले की जांच हस्तांतरित की गई थी।

उन्होंने न्यायालय से सीबीआई को यह निर्देश देने की मांग की है कि जांच इस तथ्य के मुताबिक किया जाए कि फरार अपराधी मोहम्मद कैफ और मोहम्मद जावेद को शाहबुद्दीन और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के साथ देखा गया है जहां कई पुलिसकर्मी भी मौजूद थे। वहीं, राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को पटना उच्च न्यायालय से मिली जमानत के खिलाफ सीवान के चंद्रकेश्वर प्रसाद अधिवक्ता प्रशांत भूषण के जरिए कल उच्चतम न्यायालय में अपील करेंगे। गैंगेस्टर से नेता बने शहाबुद्दीन ने प्रसाद के चार में से तीन बेटों की कथित तौर पर हत्या कर दी थी।

 दैनिक हिन्दुस्तान समाचार पत्र के सीवान जिला ब्यूरो प्रमुख रंजन की 13 मई को शहर में कुछ शार्प शूटरों ने उस वक्त जेल में कैद राजद नेता के कथित इशारे पर गोली मार कर हत्या कर दी थी। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि पत्रकार के परिवार द्वारा नाम लिए जाने के बावजूद सीवान पुलिस ने प्राथमिकी में मुख्य साजिशकर्ता के रूप में शाहबुद्दीन को नामजद नहीं किया।

याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि बिहार सरकार ने 16 मई को सीबीआई को यह मामला सौंपा था लेकिन उसने इसे अभी तक अपने हाथ में नहीं लिया है। याचिका में बिहार सरकार के अलावा सीवान के पुलिस अधीक्षक, शाहबुद्दीन और राजद प्रमुख लालू प्रसाद के बेटे तेज प्रताप को पक्ष बनाया है।

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