मांड्या: तमिलनाडु के लिए कावेरी का पानी छोड़ने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद कर्नाटक में आंदोलन तेज हो गया. राज्य के किसानों और कन्नड समर्थक संगठनों ने आज बेंगलूरू-मैसूरू हाईवे बंद कर दिया.
कावेरी राजनीतिक के केन्द्र मांड्या जिले में बंद रखा गया. प्रदर्शनकारियों ने अनेक जगहों पर सड़कें जाम कर दी और धरने दिए. कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कावेरी क्षेत्र में केन्द्रीय बल समेत सैकड़ों पुलिस वालों को तैनात किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक को निर्देश दिया है कि तमिलनाडु के किसानों की दिक्कतें दूर करने के लिए वह अगले 10 दिन तमिलनाडु को 15000 क्यूसेक पानी छोड़े. इस निर्देश के बाद कावेरी पर विवाद गरमा गया जिसके मद्देनजर नौ सितंबर तक कृष्णराजसागर बांध के इर्दगिर्द निषेधाज्ञा लगा दी गई और वहां आगंतुकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई.
पुलिस ने बताया कि मांड्या में प्रदर्शनकारियों ने अनेक सरकारी दफ्तरों में तोड़फोड़ की और उसे बंद करने के लिए बाध्य कर दिया. दूकानें, होटल और अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहे. जिले में स्कूलों और कालेजों में छुट्टी घोषित कर दी गई. जिले में सरकारी और निजी बसें सड़कों से गायब हैं.
मैसूरू और हासन जिले में भी प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि कर्नाटक कावेरी नदी से तमिलनाडु को पानी नहीं दे. प्रदर्शनकारियों ने कई स्थानों पर तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता के पुतले फूंके.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री वरिष्ठ मंत्रियों, कानूनी विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. उन्होंने भावी रणनीति तय करने के लिए विधानमंडल के नेताओं और सांसदों की बैठक भी बुलाई है.